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International Women’s Day: तमाम बाधाओं को पार कर सरहद पर देश की रक्षा में तैनात, आगरा को नाज है इन बेटियों पर

आगरा
मुश्किलों को पीछे छोड़ते हुए अपनी मेहनत और ज्ञान के दम पर न सिर्फ सेना के अधिकारी वर्ग में जगह बनाई। अब अपनी काबिलियत के दम पर अपना लोहा भी मनवा रही हैं। हम बात कर रहे हैं, शहर की उन दो बेटियों की, जिनमें से प्रताप नगर निवासी मनु गर्ग सेना में लेफ्टिनेंट हैं, जबकि गोविंद नगर, साकेत कालोनी निवासी कोमलमीत एयरफोर्स में फ्लाइंग आफिसर पद पर तैनात हैं।

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मनु गर्ग का सेना तक का सफर कतई आसान नहीं रहा। 2004 में सड़क हादसे में पिता मनोज कुमार गर्ग का निधन होने के उनकी के साथ बड़ी बहन चेल्वी और भाई के साथ पिता की फर्नीचर की दुकान की जिम्मेदारी भी मां नीतू गर्ग के कंधों पर ही आ गई। कोई और सहारा न देख मनु और उनकी बड़ी बहन चेल्वी ने मां का साथ दिया और छोटे भाई के साथ अपनी पढ़ाई की जिम्मेदारी खुद उठा ली। मनु गर्ग ने सेंट पेट्रिक्स स्कूल से 12वीं करने के बाद 2014 में पहले ही प्रयास में आइआइटी भारतीय खनि विद्यापीठ (आइएसएम) धनबाद में प्रवेश पाने में सफलता पाई। वह पूरे बीटेक सिविल ब्रांच बैच में अकेली छात्रा थीं। बीटेक के बाद उन्होंने एक साल एलएंडटी कंपनी में नौकरी की। 2019 में एसएसबी में चयनित होकर सेना के चेन्नई स्थित आफिसर्स ट्रेनिंग अकेडमी से प्रशिक्षण लिया और वर्ष 2020 में कमीशंड लेफ्टिनेंट बनीं। यंग आफिसर कोर्स में अव्वल रहने पर उन्हें पुणे स्थित कालेज आफ मिलिट्री इंजीनियरिंग से सिल्वर ग्रेनेड अवार्ड भी मिला। वर्तमान में वह सेना की 13 इंजीनियरिंग रेजीमेंट में लेफ्टिनेंट हैं और उनकी बड़ी बहन एयर इंडिया में एयर होस्टेस हैं।

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कोई सपना देखकर यदि उसे पा लिया जाए, तो उसकी खुशी बहुत खास होती है, लेकिन उस सपने को यदि आपकी बेटी पूरा कर दिखाए, तो बात खास हो जाती है। ऐसा ही कहानी है 24, गोविंद नगर, साकेत कालोनी निवासी कोमलमीत की। वह एयरफोर्स में फ्लाइंग आफिसर हैं। उनके पिता किरनजीत सिंह क्रीमबैल कंपनी में जीएम लाजिस्टिक हैं। वह चाहते थे कि उनके परिवार से बेटा या बेटी सेना की किसी विंग में आफिसर बने। पिता के सपने को पूरा करने के लिए बेटे ने तैयारी शुरू की, लेकिन उनका मन बिजनेस करने में ज्यादा था। ऐसे में कोमलमीत को इसकी जानकारी हुई, तो उन्होंने अपना टीचर बनने का सपना छोड़कर भाई को देखकर सेना की तैयारी शुरू की। देखते ही देखते उनकी मेहनत रंग लाने लगी और दो साल पहले वह एयरफोर्स कामन एंट्रेंस टेस्ट (एफकैट) में चयनित हुईं। ट्रेनिंग के बाद बतौर फ्लाइंग आफिसर वह हैदराबाद में तैनात हैं। उनकी प्रारंभिक पढ़ाई सेंट जार्जेस से, 10वीं और 12वीं केवी नंबर वन से पूरी की, जबकि कैमिस्ट्री से स्नातक और परास्नातक दिल्ली से की। उनकी मां प्रीति किरन गाजियाबाद के केंद्रीय विद्यालय हिंडन में तैनात हैं।

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