देश और दुनिया में आए दिन भूकंप के झटकों की खबर सामने आ रही है। अब भूकंप की खबर हिंदूकुश क्षेत्र से सामने आ रही है। हिंदूकुश क्षेत्र में शनिवार सुबह 09:50 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.3 दर्ज की गई।
भारत के भी अलग-अलग स्थानों पर पिछले काफी समय से बार बार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। वहीं, अभी कुछ समय पहले ही खुलासा हुआ कि विशेषज्ञ मानते हैं कि अफगानिस्तान के हिंदूकुश क्षेत्र में जमीन के अंदर होने वाली हलचल या फिर भूकंप का सीधे तौर से रोहतक, दिल्ली और एनसीआर में प्रभाव पड़ रहा है। इस क्षेत्र में आने वाले भूकंप के लिए हिंदूकुश क्षेत्र को अहम जरिया माना जा रहा है।
डिजास्टर मैनेजमेंट के डिस्ट्रिक प्रोजेक्ट आफिसर सौरभ धीमान ने बताया है कि हरियाणा के रोहतक सहित 12 जिले भूकंप के लिहाजे से खतरनाक श्रेणी में माने जाते हैं। यह सभी शहर जोन चार में शामिल हैं। इन्हीं शहरों के निकट से भूकंप के लिए जिम्मेदार कही जाने वाली महेंद्रगढ़-देहरादून सब सर्फेस फॉल्ट लाइन गुजर रही है। जोकि दिल्ली से 52 किमी के दायरे में है। जोन-तीन कम प्रभावित है। जबकि जोन-दो में भूकंप आने की कम संभावनाएं हैं। डिस्ट्रिक प्रोजेक्ट आफिसर का कहना है कि फॉल्ट लाइन के अंदर माना जा रहा है कि हलकी दरारें हैं। इनकी गहराई और सही स्थान लेकर दरारें आने की सही वजह को लेकर लगातार अध्ययन हो रहा है।
धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है, इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल को लिथोस्फेयर कहते हैं। ये 50 किलोमीटर की मोटी परत, वर्गों में बंटी हुई है, जिन्हें टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह से हिलती रहती हैं लेकिन जब ये बहुत ज्यादा हिल जाती हैं, तो भूकंप आ जाता है। ये प्लेट्स क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर, दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इसके बाद वे अपनी जगह तलाशती हैं और ऐसे में एक प्लेट दूसरी के नीचे आ जाती है।
दरअसल ये प्लेंटे बेहद धीरे-धीरे घूमती रहती हैं। इस प्रकार ये हर साल 4-5 मिमी अपने स्थान से खिसक जाती हैं। कोई प्लेट दूसरी प्लेट के निकट जाती है तो कोई दूर हो जाती है। ऐसे में कभी-कभी ये टकरा भी जाती हैं।