कानपुर में हुई पुलिस मुठभेड़ में गैंगस्टर विकास दुबे के मारे जाने के बाद उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण मान रहा हूं कि यह एनकाउंटर हुआ। पहली बात जब आप इतने दुर्दांत अपराधी को ले जा रहे हैं तो ले जाने की समुचित सुरक्षा व्यवस्था करनी चाहिए थी। सुनिश्चित करना चाहिए था कि एनकाउंटर जैसी नौबत नहीं आए। कोई व्यक्ति उसे छुड़ाने का या उसके भागने की संभावना ही नहीं रहे। ऐसा लगता है कि इतनी सुदृढ़ व्यवस्था नहीं की गई थी। इस बार इसे सजा हो ही जाती। उससे बड़ी बात यह है कि पूछताछ में बहुत से लोगों के नाम सामने आते जिन लोगों के इससे लिंक थे, समर्थन करते थे या संरक्षण देते थे, उनके नाम सामने आते तो उसका पर्दाफाश होता। उनकी जिम्मेदारी तय होती व आवश्यकता होती व पर्याप्त प्रमाण होते तो उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई हो पाती।
पूर्व डीजीपी का कहना है कि जो बहुत बड़ा पर्दाफाश होना था वह अब नहीं हो पाएगा। वह सभी राज विकास दुबे के साथ ही खत्म हो गए। विकास की तरह कोई अपराधी पुलिस के खिलाफ हिम्मत नहींजुटा पाए इसको लेकर पूर्व डीजीपी का कहना है कि पुलिस अपना दामन साफ रखे। गलत तत्वों से सांठगांठ नहीं रखे, जो लोग सांठगांठ रखते हैं उन्हें विभाग से सीधे निकाल दिया जाए। इससे पहले कि वह कोई इस प्रकार की घटना में मददगार हो जाएं जिससे विभाग या सामाज का नुकसान हो। विभाग में बहुत से गलत तत्व घुस गए हैं। विभाग की सफाई बहुत जरूरी है, अगर सफाई नहीं हुई तो आज कानपुर में हुई है व कल कही और हो जाएगी। पूर्व डीजीपी का मानना है कि नोएडा में तो अच्छी कार्रवाई हो रही है और यहां कमिश्नरी में प्रभावी ढंग से काम हो रहा है।
आरके चतुर्वेदीसेवानिवृत्त आइपीएस आरके चतुर्वेदी का कहना है कि कानपुर के गैंगस्टर विकास दुबे ने जिस प्रकार से पुलिस पर फायरिंग की थी उस प्रकार से कोई दूसरा अपराधी हिम्मत नहीं जुटा पाए इसके लिए बेसिक पुलि¨सग को मजबूत करने की जरूरत है। बीट व्यवस्था मजबूत करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से विकास ने घटना की थी उसे जीवित रहने का हक नहीं था।