थाने में पूछताछ के लिए बुलाए गए एक युवक की टांगें तोड़ने के बाद एसओ किरावली और उनके सहयोगी इस मामले को निपटाने में लग गए। बिना अधिकारियों को जानकारी दिए उन्होंने पहले पीड़ित के पिता को धमकाया, फिर रुपये का प्रलोभन भी दिया। इतना ही नहीं, पीड़ित के पिता का वीडियो भी बनाया गया, जिसमें उनसे कहलवाया गया कि उनका बेटा राजू फिसलकर गिर गया था। 24 घंटे बाद यह मामला अधिकारियों तक पहुंच गया। इसके बाद एसओ समेत अन्य पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हुई।
24 घंटे तक अधिकारियों को भी नहीं दी जानकारी, सेटिंग में लगे रहे
थाने में थर्ड डिग्री का शिकार बने कराहरा निवासी राजू पंडित के पिता राधेश्याम पंडित इस घटना से आहत हैं। सोमवार रात आठ बजे वे परिवार के लोगों के साथ किरावली हास्पिटल के बाहर खड़े थे। पुलिस की करतूत बताते हुए उनकी आंखों में पानी भर गया। उन्होंने बताया कि रविवार रात को वे थाने पर ही थे। रात 10 बजे पुलिसकर्मी उनके बेटे राजू को हास्पिटल ले जा रहे थे। तब एसओ ने उन्हें परिवार के ही एक व्यक्ति के साथ गाड़ी से घर भेज दिया। उन्होंने कहा कि राजू के पैर में मामूली चोट लगी है। ड्रेसिंग करके उसे घर भिजवा देंगे। उन्होंने पिता से परेशान न होने का आग्रह किया।
पीड़ित के पिता से वीडियो में कहलवाया कि फिसलकर गिरने से लगी चोट
पुलिस ने राधेश्याम के भाई सीताराम को सिपाही की गाड़ी से घर भिजवाया। सुबह जानकारी हुई कि राजू के दोनों पैरों में फ्रैक्चर है, तब उसके पिता हास्पिटल पहुंचे। वहां पहले से पुलिसकर्मी बैठे हुए थे। एसओ नीरज कुमार वहां पहुंच गए। आरोप है कि उन्होंने पहले राजू के पिता को धमकाया और कहा कि अगर उन्होंने किसी को इसके बारे में बताया तो हत्या के केस में बेटे को जेल भेज देंगे। इसके बाद उन्होंने यह भी किवे राजू का पूरा इलाज करा रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने रुपये देने का लालच भी दिया।राधेश्याम का कहना है कि उनकी जेब में 10 हजार रुपये डालने की कोशिश की गई।
गलती मानकर माफ करने का भी किया आग्रह
एसओ ने इस मामले में अपनी गलती मानते हुए राजू के पिता से माफ करने का भी आग्रह किया। इस दौरान राधेश्याम को डराकर उनका वीडियो भी बनाया गया। इसमें उनसे कहलवाया कि राजू फिसलकर गिर गया था, जिससे उसके पैरों में चोट लग गई है। 24 घंटे तक पुलिस इस मामले को दबाने में सफल रही, लेकिन इसके बाद मामला खुल गया।