बहराइच पुलिस ने राम गोपाल मिश्रा की मौत से जुड़े दावों को खारिज करते हुए बयान जारी किया है। पुलिस का कहना है कि राम गोपाल मिश्रा की मौत गोली लगने से ही हुई है। पुलिस ने कहा कि न ही उसको करंट लगाया गया और न ही उसके नाखून उखाड़े गए हैं। पुलिस ने कहा कि इस घटना में एक व्यक्ति के अलावा अन्य किसी की मौत नहीं हुई है। पुलिस ने अपील करते हुए कहा कि साम्प्रदायिक सौहार्द को बनाये रखने के लिए अफवाहों पर ध्यान न दें और भ्रामक सूचनाओ को ना फैलाएं।
दरअसल, बहराइच के महसी के महाराजगंज में मूर्ति विसर्जन यात्रा के दौरान मारे गए रामगोपाल के बारे में दावा किया जा रहा था कि उसकी पहले बर्बरतापूर्वक पिटाई की गई। नाखून उखाड़े गए और फिर उसे गोली मार दी गई। इस दावे को बहराइच पुलिस ने खारिज किया है। पुलिस का कहना है कि युवक की मौत गोली लगने से ही हुई है।
रविवार को हरदी इलाके के महसी महाराजगंज में विसर्जन जुलूस में शामिल रामगोपाल मिश्र की हत्या कर दी गई थी।घटना को लेकर आक्रोश कुछ इस कदर भड़का कि जगह-जगह हिंसा भड़क गई। शहर से लेकर गांव तक आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया गया और करोड़ों की संपत्ति उपद्रवियों ने जला दी। प्रशासन पूरी तरह लाचार नजर आया। पूरे मामले में हत्यारोपितों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जिले में विसर्जन जुलूस भी रोक दिया गया था। डीएम मोनिका रानी और एसपी वृंदा शुक्ल की मान-मनौवल के बाद विसर्जन कराने के लिए श्रद्धालु तैयार हो गए।
मामले में महराजगंज निवासी अब्दुल हमीद, रिंकू उर्फ सरफाराज, फहीम, राजा उर्फ साहिर खान, रेहुआ मंसूर के ननकऊ व मारूफ अली समेत 10 लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था। हरदी थानाध्यक्ष कमलशंकर चतुर्वेदी ने बुधवार को एक आरोपित राजा उर्फ साहिर खान उर्फ दानिश को दबोच लिया है। आरोपित को न्यायालय से जेल रवाना कर दिया गया है। एसपी के पीआरओ शिवेश शुक्ल ने इसकी पुष्टि की है।
रामगोपाल हत्याकांड का एक आरोपित पुलिस के हत्थे चढ़ा
रामगांव के रेहुआ मंसूर निवासी रामगोपाल की हत्या के मामले में छह नामजद समेत 10 लोगों पर हत्या समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। बुधवार देर शाम पुलिस ने नामजद आरोपितों में एक को दबोच लिया। अन्य आरोपितों की तलाश में पुलिस टीमें लगातार नेपाल सीमा तक ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही हैं।