विधानसभा उपचुनाव को लेकर भाजपा उम्मीदवारों की घोषणा का इंतजार अगले सप्ताह तक खिंच सकता है। प्रत्याशियों की घोषणा से पूर्व दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ मंथन का एक और दौर होने के बाद ही 21-22 अक्टूबर को नामों की घोषणा की बात कही जा रही है। बता दें कि यूपी में विधानसभा की नौ सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू होगी। 25 अक्टूबर तक नामांकन दाखिल किए जाएंगे।
सपा के सभी प्रत्याशियों का इंतजार या कुछ और?
भाजपा प्रत्याशियों की घोषणा में विलंब की एक वजह सपा के सभी प्रत्याशियों का इंतजार भी बताया जा रहा है। सपा ने अभी छह सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है। बीते रविवार उपचुनाव को लेकर दिल्ली में हुई भाजपा की अहम बैठक में प्रत्याशियों के पैनल पर शीर्ष स्तर पर चर्चा हो चुकी है।
रालोद के लिए एक सीट
बैठक में यह भी तय किया गया था कि मीरापुर को रालोद के लिए छोड़कर पार्टी सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। यह सीट पहले भी रालोद के पास ही थी। निषाद पार्टी को कोई सीट नहीं देने की बात सामने आई थी। हालांकि, निषाद पार्टी के प्रमुख व योगी सरकार के मंत्री संजय निषाद की नाराजगी को देखते हुए मझवां सीट पर पुनर्विचार के संकेत भी मिले हैं।
भाजपा ने अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट का भी उपचुनाव कराने की मांग निर्वाचन आयोग से की है।इस संबंध में भाजपा प्रतिनिधि मंडल ने बुधवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा से भेंट की।
प्रतिनिधि मंडल में शामिल पार्टी के प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ल, अनूप गुप्ता, संजय राय और राम प्रताप सिंह चौहान ने आयोग को नौ विधानसभा सीटों के साथ ही मिल्कीपुर विधानसभा का उपचुनाव कराने के लिए पत्र सौंपा। प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में गोरखनाथ की ओर से दायर याचिका में वर्ष 2022 के मिल्कीपुर सीट के विधानसभा चुनाव में विजयी प्रत्याशी अवधेश प्रसाद की वैधता को चुनौती दी गई थी।
संबंधित याचिका में उच्च न्यायालय द्वारा कोई भी स्थगन आदेश या अंतरिम आदेश पारित नहीं किया गया है। ऐसे में मिल्कीपुर विधानसभा सीट का उपचुनाव भी अन्य नौ विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव के साथ ही कराना नितांत आवश्यक है।