आगरा
हजार ख्वाहिशें ऐसी कि हर ख्वाहिश पर दम निकले। बहुत निकले मेरे अरमान फिर भी बहुत कम निकले। गालिब का ये शेर ख्वाहिशों की शिद्दत को बयां करता है। मगर, कुछ ख्वाहिशें कभी-कभी दिक्कतें भी ले आती हैं। मामला पत्नी की ख्वाहिश का हो तो उसकी गंभीरता समझी जा सकती है। आगरा के एक युवक के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। ख्वाहिश पूरी न होने तीसरी पत्नी पुलिस तक पहुंच गई।
मामला शहर के रहने वाले एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में एजेंट का है। एजेंट की पहली पत्नी से रिश्ता बहुत लंबा नहीं चल सका। पत्नी की ख्वाहिश थी कि पति अलग से मकान लेकर रहे। वह इसके लिए तैयार नहीं हुआ। विवाद बढ़ने पर पत्नी ने पति से किनारा कर लिया। दोनों ने अपने रिश्ते को वहीं खत्म कर दिया। इसके बाद एजेंट ने दूसरी युवती से शादी कर ली। दूसरी पत्नी ने भी शादी के कुछ महीने बाद ही उसने भी पति से एक मकान बनवाने की ख्वाहिश जाहिर कर दी।
समय बीतने के साथ ही पत्नी की ये ख्वाहिश जिद में बदल गई। पति ने भी अार्थिक हालात का हवाला देते हुए मकान बनवाने में असर्थता जताई। विवाद बढ़ने पर दूसरी पत्नी भी पति का साथ छोड़कर चली गई। उसने पति से अपने सारे रिश्ते खत्म कर लिए। दो पत्नियों के साथ छोड़कर जाने के बाद पति ने कुछ साल पहले तीसरी शादी कर ली। तीसरी पत्नी ने देखा कि पति किराए पर एक कमरे में रहता है। जिसके चलते वह दोनों तो कमरे में रहते हैं, लेकिन पति की मां को गैलरी में रहना पड़ता है।