आज दिनांक 5 जून, 2022 (रविवार) को प्रातः 10 बजे से स्थान-पूर्व प्रधान मांगे लाल बघेल के फार्म हाउस होली पब्लिक स्कूल के सामने शास्त्री पुरम सिकंदरा आगरा (उ.प्र.) में बहुजन द्रविड पार्टी द्वारा एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रीतम सिंह एवं भवानी शंकर धनगर जी ने की। मुख्य अतिथि के तौर पर बहुजन द्रविड पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मा. दिनेश कुमार गौतम जी मौजूद रहे तथा कार्यक्रम का सफल संचालन मा.सुनील कुमार केम जिला अध्यक्ष BDP आगरा ने किया ।

सर्वप्रथम बहुजन महापुरुषों के चित्रों पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित करते हुए भारत के संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन कर कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की गई।
तत्पश्चात मुख्य अतिथि दिनेश कुमार गौतम जी ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा, “साथियों, जैसा कि आप में से ज्यादातर लोगों को मालूम है कि मान्यवर कांशीराम साहब ने महाराष्ट्र की होऊ सकत नहीं मानसिकता से विचलित होकर जब उत्तर भारत आये और यहां बहुजन आंदोलन की शुरुआत की तो वे वहाँ से तीन बाबा लेकर आये थे। साफा वाले बाबा, पगड़ी वाले बाबा और टाई वाले बाबा। यानी फुले-शाहू-अम्बेडकर। उन्होंने अपने कैडर कैम्पों के माध्यम से बहुजन समाज को इन तीनों महापुरुषों के जीवन और मिशन के बारे में अवगत कराया और समाज के अंदर शासक जमात बनने तथा अपनी समस्याओं का समाधान स्वयं करने की भावना जाग्रत की। धीरे-धीरे बहुजन समाज तैयार हुआ और उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज की सरकारें भी बनीं, जिसकी वजह से समाज को बहुत कुछ सकारात्मक बदलाव भी आए, लेकिन मान्यवर कांशीराम साहब की मृत्यु के बाद उनकी एकमात्र तथाकथित उत्तराधिकारी ने एक तरफ फुले-शाहू-अम्बेडकर (जेसीबी) मिशन को पटरी में रखकर बेचना शुरू किया, वहीं दूसरी तरफ इस मिशन के लिए अपना जीवन दांव पर लगाकर काम करने वाले मिशनरी लोगों को पार्टी से दरकिनार करती रही। जिसका नतीजा आप सबके सामने है। मनुवाद से मुकाबला करने में सक्षम बहुजन आंदोलन का पतन हो चुका है और मनुवाद की ‘ए’ टीम भारतीय जनता पार्टी आज देश और प्रदेशों की सत्ता में काबिज़ है। यही वजह है कि आज देश में ब्राह्मणवाद का नंगा नाच चल रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि, साथियों मैं आपको अवगत कराना चाहता हूं कि किसी भी देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था एक सुप्रीम विधान के अंतर्गत संचालित होती है। ठीक ऐसे ही हमारे देश भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था भी देश के सर्वोच्च कानून भारत का संविधान के अनुरूप संचालित होने का प्रावधान है, लेकिन आज कुछ लंपट मनुवादी लोग खुलेआम देश के सर्वोच्च कानून भारतीय संविधान के विरुद्ध जाकर उसे बदलने की बात कर रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार मूकदर्शक बनी देख रही है। इससे यही साबित होता है कि संविधान और देश द्रोह का यह काम सरकार के सुनियोजित षडयंत्र और इशारे पर चल रहा है। इसलिए इस कार्यक्रम के माध्यम से मैं देश की जनता, विशेषकर बहुजन द्रविड समाज को आह्वान करता हूं कि अगर जरूरत पड़ी, तो हमें अपने प्राणों की बाजी लगाकर भी देश के सर्वोच्च कानून भारत का संविधान की सुरक्षा के लिए तैयार रहना चाहिए।
साथियों, इस मनुवादी आतंक से निपटने का एक ही मुकम्मल रास्ता है। वह है मान्यवर कांशीराम साहब द्वारा शुरू किया गया बहुजन मिशन। इसीलिए वर्तमान में बहुजन द्रविड पार्टी मान्यवर कांशीराम साहब के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए फुले-शाहू-अम्बेडकर-पेरियार मिशन यानी बहुजन मिशन को राष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित-प्रसारित करने का काम कर रही है। हमें यकीन है कि हमारे यह प्रयास सफल होंगे और हम इस मनुवादी आतंक का खात्मा कर देश को वास्तविक लोकतंत्र की ओर ले जाएंगे। इसके लिए हमें आप सबके साथ सहयोग की आवश्यकता है। मैं आपसे उम्मीद करता हूँ कि आप सब बहुजन द्रविड पार्टी के साथ कंधे-से-कंधा मिलाकर इस बहुजन आंदोलन को मजबूत करने में सहयोग देंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं। धन्यवाद !
मा. गौतम जी के अलावा सर्वमान्य सज्जन बाबू कश्यप, डी.के.विट्ठोलिया, रतन सिंह,महेन्द्र बाबू, अनिल मौर्या,उमेश कुमार आदि वक्ताओं ने भी जनसमूह को संबोधित किया।
अंत में, आदरणीय प्रीतम सिंह जी और भवानी शंकर धनगर अपने धन्यवाद भाषण में सबका आभार व्यक्त किया।
इस कार्यक्रम में विशेष रूप से सर्वमान्य रामचरन सिंह बघेल, बीरेन्द्र सिंह, महेन्द्र सिंह, शशी कान्त, सुरेन्द्र सिंह बौद्ध, चन्द्रवीर सिंह,बृजेश अम्बेश, पूर्व प्रधान मांगे लाल बघेल, ताराचन्द बौद्ध,नित्य प्रकाश सोनी,संजय कुमार,वेदप्रकाश, जितेन्द्र कुमार, सोनू निगम, राजेश सागर, प्रदीप कुमार, पप्पू बाबू, नितिन कुमार, महेन्द्र बाबू, वाई.के.सिंह, जितेन्द्र सागर, रिंकू सागर, संजय कुमार, दीपक कुमार, देवेन्द्र सिंह, बबलू वर्मा, लाखन सिंह, विशम्बर सिंह, राकेश बाबू,महारत्न बौद्ध आदि मिशनरी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
ब्यूरो रिपोर्ट, आगरा।