आगरा
ताजमहल को लेकर छिड़े विवाद अब जुबानी जंग के स्तर तक पहुंच गए हैं। मंगलवार को स्वयं को मुगल वंशज बताने वाले प्रिंस आरिफुद्दीन तूसी ने संतों पर सापंद्रायिक सौहार्द्र बिगाड़ने का आरोप लगाते हुए ताजगंज थाने में शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की थी। इसके विरोध में अखिल भारत हिंदू महासभा ने तूसी के पुतले का जनाजा निकाला था। अब उरई के संत मत्सेंद्र गोस्वामी ने वीडियो जारी कर तूसी को आतंकवादी बताते हुए देश से बाहर निकालने की मांग की है।
एक माह से अधिक समय से ताजमहल लगातार विवादों का केंद्र बना हुआ है। ताजमहल या तेजाेमहालय को लेकर संतों व हिंदूवादी संगठनों द्वारा निरंतर प्रदर्शन कर या बयान देकर विवाद खड़े किए जा रहे हैं। अयोध्या के संत जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने ताजमहल को शिव मंदिर तेजोमहालय कहा था। धर्मदंड के साथ स्मारक में प्रवेश नहीं दिए जाने के खिलाफ उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उरई के संत मत्सेंद्र गोस्वामी ने ताजमहल की फोटो गैलरी में शौचालय के पास लगे राधा-कृष्ण के चित्र पर आपत्ति जताई थी। इसके बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने फोटो गैलरी के पैनल बदले हैं।
हैदराबाद निवासी प्रिंस तूसी ने संतों के बयानों को धार्मिक सौहार्द्र बिगाड़ने वाला और शांतिपूर्ण माहौल को खतरे में डालने वाला बताते हुए ताजगंज थाने में मंगलवार को शिकायत की थी। गुरुवार को अखिल भारत हिंदू महासभा ने सदर क्षेत्र में तूसी के पुतले का जनाजा निकाला था। गुरुवार देर रात उरई निवासी संत मत्सेंद्र गोस्वामी ने वीडियो जारी किया है। इसमें वह कह रहे हैं कि तूसी मुगल शासकों के वंशज हैं।
भारत सरकार से अनुरोध है कि वह इन्हें आतंकवादी घोषित करे। इनके पूर्वजों ने देश को लूटने का काम किया है। इन्होंने हमारे मंदिरों को तोड़कर मस्जिद में तामीर करने, संस्कृति को धूमिल करने और सभ्यता को नष्ट कर अपना साम्राज्य कायम करने का दुस्साहस किया। इन्हें इनके पूर्वजों द्वारा किए गए कार्याें की सजा मिलनी चाहिए। सरकार इन्हें मुआवजा देने के बजाय आतंकवादी घोषित करे। तुर्कमेनिस्तान, अफगानिस्तान या पाकिस्तान भेजे। सरकार नहीं भेजेगी तो हम इन्हें भेजना जानते हैं