आगरा
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान आगरा व मेरठ जोन के 1450 नेताओं पर पैनी नजर रखी जा रही हैं। ये नेता चुनाव लड़ने के नाम पर पैसा या महंगा गिफ्ट पार्टियों को दे चुके हैं या फिर मतदाताओं को लुभाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर चुके हैं। 17 ऐसे राजनैतिक दल है, जिनकी इकाइयां विभिन्न जिलों में सक्रिय हैं। उन्होंने भी चुनाव प्रचार पर खर्च किया है। यह इकाइयां आयकर रिटर्न दाखिल नहीं कर रही है।
वित्त मंत्रालय के अधीन वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) की छानबीन में यह पर्दाफाश हुआ है। केंद्रीय निर्वाचन विभाग को भी इस बाबत रिपोर्ट दी गई है। आईएफयू की रिपोर्ट पर आयकर विभाग व आयकर महानिदेशक अन्वेषण (उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड) कार्यालय ने अधीनस्थ को जांच के आदेश दिए हैं। सूत्रों के अनुसार इन नेताओं व दलों को नोटिस भेजे जाने की तैयारी हो रही है। अफसरों के अनुसार आठ जनवरी से बैंकों की निकासी सामान्य है। आगरा व मेरठ जोन में 54 हजार से अधिक ऐसे खाते हैं जिनसे सात नंवबर 2021 से लेकर सात जनवरी 2022 तक सर्वाधिक निकासी हुई है, पर अब करीब 18 हजार खातों को छोड़कर अन्य खातों से एक लाख से अधिक की निकासी नहीं हो रही है। 18 हजार खातों में से अधिकतर के धारक औद्योगिक इकाइयों के मालिक, व्यापारी व नौकरशाह हैं। यह इस बात का संकेत है कि नेता बैंक से निकासी नहीं कर रहे हैं। आयकर विभाग की आगरा और मेरठ जांच यूनिट के कार्यक्षेत्र में आने वाले आगरा, अलीगढ़, औरेया, एटा, इटावा, फर्रुखाबाद, झांसी, ललितपुर, मथुरा, मेरठ, बागपत, शामली, सहारनपुर, गाजियाबाद और मुजफ्फरनगर जिले आते हैं। विभाग की सक्रिय टीमें मतदान से पहले इन नेता पर नजर रखे हुए हैं।