पंजाब और हरियाणा के किसान आंदोलन की आंच उत्तर प्रदेश तक पहुंचती दिख रही है। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने कृषि कानूनों के विरोध में शुक्रवार से अनिश्चितकाल के लिए उत्तर प्रदेश में शुक्रवार से राष्ट्रीय राजमार्ग जाम करने का एलान किया है। साथ ही विपक्ष दलों ने भी किसानों के पक्ष में आवाज उठाकर माहौल को गर्माना शुरू कर दिया है।
राकेश टिकैत ने गुरुवार को मुजफ्फरनगर में हुई बैठक में कहा कि किसान कानून विरोध के मुद्दे पर भाकियू देश के किसानों के साथ है। उन्होंने कहा कि किसानों का यह दुर्भाग्य है कि आजाद देश मे वह अपनी राजधानी दिल्ली में अपना विरोध करने नहीं जा सकता है। जिस तरह से सर्दी में किसानों पर वाटर कैनन का प्रयोग किया गया है वह दुखद है। किसान अपना हक कानून के रूप में मांग रहा है।
राकेश टिकैत ने कहा कि देश का किसान दिल्ली नहीं जा सकता तो सरकार इस्लामाबाद भेज दे। अगर प्रधानमंत्री कहते हैं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य रहेगा तो कानून क्यों नहीं बनाते। प्रधानमंत्री की नोटबंदी से क्या कालाधन समाप्त हुआ या 15 लाख किसी को मिले। किसानों को अगर यह कानून मंजूर नहीं तो सरकार क्यों अड़ी है। कानून तुरंत वापस लेकर किसान हित में समर्थन मूल्य को कानून बनाया जा चाहिए।