सांस फूलने पर इन दिनों कोरोना वायरस संक्रमण का डर सता रहा है। ऐसे में मरीज अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। एसएन मेडिकल कालेज में सांस फूलने पर भर्ती हो रहे 80 फीसद मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। इन मरीजों में सांस फूलने का कारण सांस संबंधी बीमारी सामने आ रहा है।
केस 1: वाटरवर्क्स निवासी 55 साल के मरीज को सांस फूलने पर एसएन मेडिकल कालेज की इमरजेंसी में भर्ती किया गया। यहां उन्हें आक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया, जांच में कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आई।
केस 2: 65 साल के कमला नगर निवासी मरीज को कई दिन से खांसी और सांस फूल रही थी। अस्पताल में भर्ती कराने पर जांच कराई गई, कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आई। उनका अस्थमा का इलाज चल रहा है।
एसएन मेडिकल कालेज के टीबी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट के अध्यक्ष डा संतोष कुमार ने बताया कि मौसम बदलने के साथ ही सूक्ष्म कण की मात्रा लगातार बढ रही है। इससे क्रोनिक आब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज सीओपीडी, अस्थमा और सांस संबंधी बीमारी से पीडित मरीजों की सांस की नलिकाओं में सूजन और सिकुडन आ रही है। इससे उनकी सांस फूलने लगती है। इन मरीजों में बुखार नहीं आ रहा है। मगर, ये कोरोना संक्रमित होने के डर से घबरा रहे हैं। इन मरीजों को स्टेरायड, एंटी एलर्जिक सहित अन्य दवाएं दी जा रही हैं, इससे ये ठीक हो रहे हैं।
एसएन के प्राचार्य डा संजय काला ने बताया कि इमरजेंसी में सांस फूलने की समस्या के साथ मरीज भर्ती हो रहे हैं। इन सभी की कोरोना की जांच कराई जा रही है। इसमें 80 फीसद की रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। इसलिए मरीज परेशान ना हों।