आगरा | पान-मसाला के 12 लाख से ज्यादा पैकेट अलीगढ वाणिज्य कर विभाग की नीलामी में आगरा केे व्यापारी ने भले ही खरीद लिए होंं, लेकिन उसे बेचना आसान नहीं होगा। मामले में वाणिज्यकर विभाग के अधिकारी सक्रिय हो गए हैं। एडिशनल कमिश्नर ने संबंधित खंड को मामले की जिम्मेदारी सौंप, इसकी बिक्री पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। यदि एक्सपायरी माल बिना खाद्य सुरक्षा विभाग की अनुमति केे किसी भी रूप में बेचा गया, तो विभाग कार्यवाही से नहीं चूकेगा।
एक साल पहले सीज हुए करीब आठ करोड़ के कमला पसंद और राजश्री पान मसाले के 12 लाख से ज्यादा पैकेट का मामला नीलामी के बाद और पेंचीदा होता दिख रहा है। माल की नीलामी कर अलीगढ़ वाणिज्यकर विभाग ने भले ही मामला अपने पालेे से निकाल दिया, लेकिन नीलामी में दो करोड़ से कम की बोली लगाकर माल खरीदने वाली कंपनी की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैंं। एक तो खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में एक्सपायर्ड खाद्य पदार्थ का निर्माण, बिक्री, भंडारण और परिवहन प्रतिबंधित है। वहीं उसे दूसरे रूप में बेचने के लिए भी विभाग ने खाद्य सुरक्षा विभाग की अनुमति की तलवार लटका दी है। वाणिज्य कर विभाग के एडिशनल कमिश्नर ग्रेड वन राकेश कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि व्यापारी ने माल नीलामी में खरीदा है, तो नियमानुसार वह भले ही सही हों। लेकिन माल के एक्सापायर्ड होने की जानकारी मिलने के बाद उसे बिना खाद्य सुरक्षा विभाग की अनुमति बेचना संंभव नहीं होगा। इसलिए माल को बेचने से पहले उसे खाद्य सुरक्षा विभाग से अनुमति लेनी होगी।
बदलना होगा स्वरूप
नीलामी में व्यापारी ने माल भले खरीद लिया, लेकिन कमला पसंद और राजश्री ब्रांड दूसरे का है, लिहाजा उसी स्वरूप में उसे बेचना संभव नहीं। इस पर कंपनी पहले ही आपत्ति लगा चुकी है। इसके लिए व्यापारी को सारा माल अनपैक करना होगा। दूसरे नाम से दोबारा इतने माल की पैकिंग के लिए बड़ी मशीनरी की जरुरत होगी, जिसे इतनी जल्दी फिलहाल नियमानुसार लगाना आसान नहीं। इसके बाद यदि वह इसकी सफाई कराकर उसकी सुपारी निकालकर भी बेचना चाहेगा, तो भी विभाग खाद्य सुरक्षा विभाग की अनुमति मांग रहा है।
बिक्री पर रहेगी नजर
एडिशनल कमिश्नर ग्रेड वन राकेश कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि अब तक विभाग को अलीगढ़ वाणिज्य कर विभाग से माल की नीलामी की कोई सूचना नहीं मिली है। व्यापारी ने भी माल खरीदने की कोई जानकारी नहीं दी है। लिहाजा मामले में संबंधित खंड के अधिकारी व्यापारी पर नजर रखे हुए हैं। एडिशनल कमिश्नर ग्रेड टू डीएन सिंह ने बताया कि माल की खरीदकर व्यापारी उसका क्या करता है, इसमें विभाग हस्तक्षेप नहीं करेगा, लेकिन बिक्री होने पर विभाग जरूर सक्रिय होगा। फिलहाल स्थिति पर नजर रखी जा रही है।