महारानी अहिल्याबाई होल्कर की प्रतिमा पर माल्यार्पण के लिए जा रहे समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओंं को पुलिस ने उनके ही कार्यालय पर नजरबंद कर दिया। सपा कार्यालय को पुलिस ने चारों ओर से घेर लिया। जिला और महानगर अध्यक्ष सहित किसी को भी बाहर नहीं निकलने दिया।
55 घंटे का प्रतिबंध हटते ही पुलिस ने सपाइयों को नजरबंद किया। बताया जा रहा है कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत सपाइयों को सुबह 10 बजे ताजगंज, पुरानी मंडी स्थित महारानी अहिल्याबाई की प्रतिमा पर माल्यार्पण के लिए जाना था। यहीं कुछ कार्यकर्ताओं के यहां स्वल्पाहार का भी कार्यक्रम था। इसके लिए जिलाध्यक्ष रामगोपाल बघेल, महानगर अध्यक्ष चौधरी वाजिद निसार के नेतृत्व में कुछ कार्यकर्ता फतेहाबाद रोड स्थित पार्टी कार्यालय पर एकत्रित हुए थे। वह यहां से निकलने वाले ही थे, उससे पहले पुलिस ने कार्यालय घेर लिया। दोनों अध्यक्षों सहित कार्यकर्ताओं को कार्यालय में ही बंद कर दिया। गेट पर पुलिसकर्मियों को पहरेे पर बैठा दिया। सपाइयों ने जब कार्यालय से निकलने का प्रयास किया तो पुलिस से उनकी तीखी झड़प हो गई। जिलाध्यक्ष का कहना है कि भाजपा सरकार में सपाइयों का उत्पीड़न हो रहा है। कोरेाना काल में वह नियमों का पालन करते हुए कुछ कार्यकर्ताओं के यहां जा रहे थे। ताकि उनका तथा उनके परिजनों का हाल-चाल ले सकें लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। यह अन्याय है। महानगर अध्यक्ष चौधरी वाजिद निसार का कहना है कि पुलिस-प्रशासन सरकार के इशारे पर उनका उत्पीड़न कर रहा है। महामारी के दौर में जारी निर्देशों का पालन करते हुए वह कार्यकर्ताओं से मिलने जा रहे थे। साजिश के तहत सपाइयों का दबाने का प्रयास किया जा रहा है। जनता की आवाज को दबाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बीते रविवार को दक्षिण विधानसभा के विधायक का नियमों का उल्लघंन करते हुए स्वागत किया गया। महानगर अध्यक्ष ने सवाल उठाया कि विधायक का स्वागत 55 घंटे के लिए लगे प्रतिबंध की समयावधि में, तब पुलिस-प्रशासन ने किसी को नहीं रोका। सपाइयों के साथ अन्याय किया जा रहा है। इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।