लॉकडाउन में घर लौटे प्रवासी श्रमिकों से किसानों की बेबसी नहीं देखी गई और उन्होंने श्रमदान से कर 52 गांवों का ‘उद्धार’ कर दिया। नवादा जिले के रोह प्रखंड में स्थानीय किसानों और समाजसेवियों के साथ रोजाना श्रमदान कर उन्होंने 15 किलोमीटर लंबे रजाइन पईन (नहर) को नया जीवन दिया है। वैसे तो यहां के किसान सालों से श्रमदान कर पईन की उड़ाही करते आए हैं, लेकिन इस साल दशकों बाद इसमें सकरी नदी का इतना अधिक लाल पानी आया है कि किसान खुश हो गए हैं। इससे अन्य वर्षों की अपेक्षा पैदावार भी अधिक होने की संभावना है। इसका श्रेय प्रवासी श्रमिकाें की मेहनत को दिया जा रहा है।रजाइन पईन से नवादा की आठ पंचायतों के 52 गांव के 26 हजार एकड़ खेतों तक पानी पहुंचता है। इसपर एक लाख से अधिक आबादी निर्भर है। इस अभियान को ‘जनहित विकास समिति’, ‘रजाइन पईन बचाओ समिति’, ‘आहर-पईन बचाओ अभियान’ आदि से जुड़े किसान व समाजसेवी आगे बढ़ा रहे हैं। इसके अलावा किसान हर साल सकरी नदी में जंगल से लाए पत्तों, टहनियों, झाड़ी, मिट्टी और बालू से लगभग दो किलोमीटर लंबा बांध भी बनाते रहे हैं।