भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर मई महीने के शुरुआत से चल रहे तनाव ने खूनी रंग ले लिया है। गलवान घाटी पर सोमवार रात को भारतीय सैनिक और चीनी सैनिक के बीच हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए हैं। लगभग पांच दशक बाद चीन और भारत के बीच हिंसक झड़प हुई है। हालांकि, दोनों सेना के सीनियर अधिकारी स्थिति को शांत करने के लिए जुटे हुए हैं।
इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेना प्रमुखों और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के साथ बैठक की। पूर्वी लद्दाख के घटनाक्रमों पर चर्चा की गई। बता दें कि 70 के दशक के बाद पहली बार एलएसी पर भारतीय जवानों की शहादत हुई है। 1962 में भारत और चीन का युद्ध हुआ था। इसके बाद साल 1975 में एलएसी पर फायरिंग हुई थी, जिसमें चार भारतीय जवान शहीद हुए थे। इसके बाद से एलएसी पर कोई हिंसक झड़प नहीं हुई थी। आज करीब 45 साल बाद एलएसी पर भारत और चीनी सैनिक के बीच हिंसक झड़प हुई। इसमें भारतीय सेना के अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए हैं।
खबरों के मुताबिक, चीन की तरफ भी नुकसान हुआ है। हालांकि, चीनी मीडिया या सेना ने इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं दी गई है। इस बड़े घटनाक्रम के बाद, दोनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मुलाकात कर हालात संभालने की कोशिश में लगे हुए हैं। बता दें कि पिछले कई दिनों से भारत-चीन सीमा पर विवाद जारी है। चीन लगातार कह रहा है कि वह बातचीत के जरिए मामले को सुलझाना चाहता है, लेकिन वह पीछे हटने से इनकार कर रहा है।
चीन का आरोप
बीजिंग ने भारत पर सीमा पार कर ‘चीनी कर्मियों पर हमला’ करने का आरोप लगाया है। चीन के ग्लोबल टाइम्स ने विदेश मंत्री के हवाले से कहा कि भारतीय सैनिकों ने सोमवार को अवैध रूप से दो बार सीमा पार करके, चीनी सैनिकों पर हमलों को अंजाम देकर दोनों पक्षों की सहमति का उल्लंघन किया, जिसके चलते गंभीर शारीरिक झड़पें हुईं।