कोरियाई प्रायद्वीप में एक बार फिर से हालात खराब होते जा रहे हैं। उत्तर कोरिया लगातार किम विरोधी गुटों पर काबू करने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए दक्षिण कोरिया पर सख्त कार्रवाई करने की धमकी दे रहा है। इसके तहत कुछ ही दिन पहले उसने दोनों देशों के बीच शुरू की गई हॉटलाइन सेवा को भी बंद कर दिया था। अब और कड़ा रुख अपनाते हुए कोरियन पिपुल्स आर्मी (KPA) के जनरल स्टाफ ने कहा है कि यदि ये विरोधी गुट उनकी सीमा में सरकार विरोधी एजेंडे के साथ दाखिल होने की कोशिश करेंगे तो उनकी सेना इनसे निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। रॉयटर्स ने स्थानीय मीडिया और केसीएनए समाचार एजेंसी के हवाले से लिखा है कि सेना की तरफ से इसको लेकर कड़ी चेतावनी दी गई है।
कोरियन पिपुल्स आर्मी की तरफ से कहा गया है कि वो री-एंट्री जोन, जो वर्ष 2018 में हुए एक समझौते के बाद असैन्य क्षेत्र घोषित किया गया था, में इसको लेकर एक्शन प्लान तैयार कर रही है। KPA की तरफ से ये भी कहा गया है कि सेना पार्टी और सरकार की तरफ से मिले किसी भी आदेश तुरंत लागू करने के लिए तैयार बैठी है। गौरतलब है कि बीते कुछ समय से उत्तर कोरिया से लगती सीमा पर किम विरोधी गुट गुब्बारों और बैनर के जरिए सरकार विरोधी प्रदर्शन को अंजाम दे रहे हैं। विरोध करने वाले प्रदर्शनकारी किम के खिलाफ मानवाधिकार उल्लंघन के भी आरोप लगा रहे हैं। उत्तर कोरिया का आरोप है कि ये सब कुछ एक तय मंशा के तहत किया जा रहा है और दक्षिण कोरिया की सरकार इसको रोक नहीं रही है। इसकी वजह से दोनों देशों की सीमाओं पर एक बार फिर से तनाव बढ़ता जा रहा है।