कोरोना के संक्रमण काल के साथ शुरू हुए देशव्यापी आर्थिक संकट को दूर करने के लिए एक बड़ी पहल आगरा से होती नजर आ रही है। उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास का रास्ता भी आगरा से होता हुआ गुजरेगा। एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद जिला प्रशासन ने प्राथमिकता के आधार पर विभिन्न विभागों की अनुपयोगी पड़ी हुई बेशकीमती जमीनों को चिन्हित करने का काम शुरू कर दिया है। एक गांव एक उत्पाद के तहत सभी तहसीलों में सूक्ष्म और लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए तैयार किए गए लैंड बैंक से जमीनें उपलब्ध कराई जाएंगी। एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद लघु और कुटीर उद्योगों के विकास के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। एमएसएमई के राज्यमंत्री चौ. उदयभान सिंह इसके लिए लगातार प्रयास कर रहे थे।
सर्किट हाउस में शुक्रवार को हुई प्रशासन के साथ बैठक में जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह ने उद्यमियों और जनप्रतिनिधियों के साथ विचार मंथन के बाद लैंड बैंक के लिए व्यापक पैमाने पर सर्वे कराने और जमीनों को चिन्हित करने का फैसला किया। उन्होंने कहा की टीटीजैड (ताज ट्रिपेजियम जोन) में और इसके बाहर जमीनें लैंड बैंक के लिए चिन्हित की जाएंगी। इस काम को प्राथमिकता के तहत करायाजाएगा, ताकि एमएसएमई की उद्योगों को बढ़ावा देने की मुहिम को बल मिल सके।