निजी अस्पतालों में कोविड 19 के संक्रमण की रोकथाम के लिए मानक निर्धारित किए गए हैं। मगर, यमुना पार के प्रार्थना हॉस्पिटल में मानक पूरे नहीं किए गए, यहां कोई डॉक्टर भी नहीं था। शुक्रवार शाम को टीम ने छापा मारा। प्रार्थना हॉस्पिटल सील कर दिया। इसके पास स्थित आराध्या हॉस्पिटल के कर्मचारी टीम को देख भाग खडे हुए। प्रसूता ने भी टीम को गुमराह किया। हॉस्पिटल पर नोटिस चस्पा किया गया है।
यमुना पार में मंडी समिति स्थित प्रार्थना हॉस्पिटल में कोविड 19 के मानक पूरे ना किए जाने और डॉक्टर के बिना इलाज करने की शिकायत मिली थी। इस शिकायत पर टीम ने जांच की, मानक पूरे करने के लिए हॉस्पिटल संचालक एके सिंह को नोटिस दिया। एसीएमओ डॉ वीरेंद्र भारती ने बताया कि पुलिस प्रशासन की टीम के साथ प्रार्थना हॉस्पिटल पर छापा मारा गया। यहां कोई डॉक्टर नहीं था, कर्मचारी थी और अस्पताल में कुछ मजदूर काम कर रहे थे। नोटिस देने के बाद भी मानक पूरे नहीं किए गए। हॉस्पिटल को सील कर दिया है। इस हॉस्पिटल से थोडी दूर स्थित आराध्या हॉस्पिटल के कर्मचारी टीम को देख भाग खडे हुए। यहां टेढी बगिया निवासी प्रसूता अंजलि भर्ती थी, दूसरे बेड पर नवजात रो रहा था। टीम ने प्रसूता से नवजात के बारे में पूछा, उसने टीम को गुमराह कर दिया। कहा कि पेट में दर्द होने पर इलाज कराने आइ थी, नवजात उसका नहीं है। हॉस्पिटल में कोई डॉक्टर और स्टाफ भी नहीं था। पुलिस की नजर पास में खडे हॉस्पिटल के टेक्नीशियन विजय कुमार पर पडी, उससे पूछताछ करने पर पता चला कि नवजात अंजलि का है। उसकी 25 मई को विद्या नर्सिंग होम में हुई थी, वहां का खर्चा अधिक था। इसलिए शिफ्ट कर दिया था। टीम ने संचालक और डॉक्टर के न मिलने पर हॉस्पिटल पर नोटिस चस्पा कर दिया है। मरीज भर्ती करने पर रोक लगा दी है।