हिंदी पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी को गंगा दशहरा मनाया जाता है। इस साल 1 जून को गंगा दशहरा है। इस दिन गंगा नदी में स्नान-ध्यान करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है। इस दिन दान का भी अति विशेष महत्व है। ज्योतिषाचार्य डॉ शोनू मेहरोत्रा के अनुसार धार्मिक मान्यता है कि गंगा नाम के स्मरण मात्र से व्यक्ति के पाप मिट जाते हैं। हिन्दू धर्म में इस नदी को सबसे पवित्र नदी माना गया है। अतः इन्हें मां कहकर पुकारा जाता है। कोरोना महामारी के दौर में गंगा स्नान संभव नहीं है तो दान से इस पर्व पर पुण्य अर्जित कर सकते हैं। डॉ शोनू के अनुसार गंगा दशहरा के दिन किसी भी नदी में स्नान करके दान और तर्पण करने से मनुष्य जाने- अनजाने में किए गए कम से कम दस पापों से मुक्त होता है। इन दस पापों के हरण होने से ही इस तिथि का नाम गंगा दशहरा पड़ा है। गंगा दशहरा के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्त्व है। इस दिन दान में सत्तू, मटका और हाथ का पंखा दान करने से दुगुना फल प्राप्त होता है। गंगा दशहरा के दिन श्रद्धालु जन जिस भी वस्तु का दान करें उनकी संख्या दस होनी चाहिए और जिस वस्तु से भी पूजन करें, उनकी संख्या भी दस ही होनी चाहिए। ऐसा करने से शुभ फलों में और अधिक वृद्धि होती है।