मुरादाबाद
पहाड़ी क्षेत्र में लगातार हुई बारिश से मुरादाबाद जनपद की तीनों नदियां उफान पर हैं। रामगंगा का जलस्तर बढ़ा है। खतरे के निशान से 60 सेंटीमीटर नीचे 190 मीटर पर नदी का पानी बह रहा है। शनिवार के मुकाबले रामगंगा नदी का पानी 17 सेंटीमीटर और बढ़ गया है। कोसी नदी में आई बाढ़ बरकरार है। बाढ़ के पानी ने घिरे चार गांवों के लोग रात भर जागते रहे। गांव विसाहट जैतपुर में जिन घरों के पास पानी पहुंचा, उन्होंने अपना कुछ जरूरी सामान दूसरे स्थान पर रखवा दिया है, ताकि घर में बाढ़ का पानी भरने पर सामान खराब ना हो।
हजारों बीघा फसलें पानी में डूबीं
कोसी नदी की बाढ़ से प्रभावित करीब 15 गांवों की हजारों बीघा से अधिक फसल बाढ़ का पानी भरा हुआ है। फसल को लेकर किसान चिंतित है। कोसी नदी में रामनगर बैराज से डिस्चार्ज पानी में कमी आई है। रविवार की सुबह छह बजे 16 हजार क्यूसेक रह गया है। इसका असर 24 घंटे बाद दिखाई देगा। डिलारी ब्लाक के गांव इलर में ढेला नदी ने गोशाला का रास्ता काट दिया है। गोशाला टापू पर रह गई है। हालांकि ढेला नदी का पानी कम हुआ है। बाढ़ से कटान और फसलों में पानी भरने से लोगों की दुश्वारियां बढ़ गई है।
एक साल पहले ढेला नदी गांव से करीब एक किलोमीटर दूर बह रही थी। अब आबादी से 200 मीटर दूर रह गई है। वही, रामगंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 77 सेंटीमीटर नीचे यानी 189.83 मीटर पर है। आबादी के निकट यहां भी पानी भरा हुआ है। फसल पानी में डूब हो गई है। गांव बिसाहट जैतपुर में एडीएम एफआर पहुंचे और ग्रामीणों से बात की। बाढ़ से किसानों को भारी नुकसान का खतरा है। नदियों के कटान में फसल तबाह हो गई व आसपास की फसल जलमग्न होने से खराब हो गई है।
कोसी नदी से प्रभावित गांव बिसाहट, जैतपुर, हरपालनगर, गदईखेड़ा, रनियाखेड़ा, हीरापुर, रझेडा, लालपुर तीतरी, भीतखेडा, हिरनखेड़ा सहित करीब 15 गांवों के किसानों की कोसी नदी के किनारे की फसल बाढ़ में डूब गई है। लगातार बाढ के पानी में डूबे रहने से गन्ना, धान, चारे की फसल को भारी नुकसान होगा।