वो हर रंग में रंग जाती है
अपने हर ऑंसू को पलको में छुपाती है
वो अपनों के लिए हर मुश्किल से लड़ जाती है
हर दर्द को वो मुस्कुरा कर सह जाती है
वो नारी शक्ति है बखूबी बताती है
जिन्दंगी के हर कदम पर अपना बेस्ट देती है
फिर भी न जाने क्यों हजारों ताने सेहती है
वो जोड़ कर रखना चाहती है सबको
मुस्कुरा कर भुला देती है वो हर गम को
कभी उसको भी समझो , कहती नहीं है
लेकिन उसके जज़्बातों को समझो
कुछ वक़्त देकर उसे , थोड़ी ख़ुशी ही देदो
जिसकी हक़दार है वो उसे वो हक़ तो दे दो। ..
Happy Woman’s day….