अमेरिकी सरकार के कोविड-19 रिस्पॉन्स कॉर्डिनेटर डॉ. आशीष झा ने कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर भारत की तारीफ की है। झा ने कहा कि वैक्सीन को तेजी से बनाना और लगाना एक आश्चर्यजनक उपलब्धि थी। भारत सरकार ने विशेष रूप से इस संबंध में एक उत्कृष्ट काम किया है। हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट के 20वें संस्करण के पहले दिन बोलते हुए, डॉ. झा ने कहा, “अगर आप सोचते हैं कि डेल्टा लहर के दौरान भारत को कैसे अपनी स्थिति को सुधारने में मदद मिली तो मैं इस टीकाकरण अभियान का नाम लूंगा। वैक्सीनेशन कैंपेन ने काफी मदद की। मैं कहूंगा कि यह दुनिया में सबसे प्रभावशाली में से एक था।”

‘वैक्सीन को क्या ऐसे ही अपडेट करते रहेंगे?’
यह पूछे जाने पर कि टीके कैसे विकसित हो सकते हैं ताकि नए कोविड वैरिएंट का मुकाबला किया जा सके। डॉ. झा ने कहा कि दूसरी पीढ़ी के टीके पहले से ही अधिक प्रभावी साबित हो रहे थे क्योंकि उन्हें ओमिक्रोन संस्करण को टारगेट करते हुए बनाया गया था। उन्होंने कहा, ”वैक्सीन की दुनिया में अब सवाल यह है – ‘क्या हम ऐसा करते रहेंगे … अपडेट करते रहें … हम हर साल फ्लू के टीके के साथ यही करते हैं। कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन मेरी आशा है कि हम विकसित होने वाले वायरस के लिए लचीला टीके बनाना शुरू कर सकते हैं … ये वास्तव में संक्रमण को रोक सकते हैं। अभी टीके गंभीर बीमारियों को रोक सकते हैं और संक्रमण को रोकने में सक्षम हैं। लेकिन यह उतना नहीं टिकता जब तक हम चाहते हैं।”

मजबूत टीकों के लिए करनी चाहिए कोशिश’
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि मौजूदा रास्ता अच्छा है, लेकिन काफी अच्छा नहीं है। हमें और मजबूत टीकों के लिए प्रयास करना चाहिए… लेकिन इसमें एक या दो साल का समय बाकी है।” मालूम हो कि कोरोना की भीषण त्रासदी के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने जाने-माने हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर आशीष झा को अपना नया COVID-19 रिस्पॉन्स कॉर्डिनेटर बनाया था। मंगलवार को हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में बोलते हुए उन्होंने इस बात की ओर इशारा किया कि दुनिया की ज्यादातर आबादी ने इस वायरस से लड़ने की प्रतिरक्षा हासिल कर ली है। उन्होंने कहा, “… भले ही हम (कोरोना मामलों में) बढ़ोत्तरी देख रहे हों या नए (कोरोना) वेरिएंट सामने आ रहे हों, लेकिन इस महामारी का सबसे बुरा वक्त अब हमारे पीछे छूट चुका है।”

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