गृह मंत्रालय की ओर से सोमवार को आंतरिक सुरक्षा को लेकर सालाना रिपोर्ट पेश की गई। इसमें बताया गया है कि साल 2021 में देश की आंतरिक सुरक्षा नियंत्रण में रही है। सरकार की ओर आंतरिक सुरक्षा बढ़ाने के लिए इसे प्राथमिकता में रखना इसके पीछे का प्रमुख वजह रही। रिपोर्ट में कहा गया है कि आंतरिक सुरक्षा मोर्च पर सबसे ज्यादा ध्यान जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का मुकाबला करने, उत्तर पूर्वी राज्यों में सुरक्षा परिदृश्य में सुधार करने, वामपंथी उग्रवाद का मुकाबला करने और देश के भीतरी इलाकों में शांति बनाए रखने पर दिया गया।

इस दौरान की कार्रवाइयों का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि केंद्र सरकार ने खुफिया संग्रह के क्षेत्र में नियमित प्रशिक्षण, आतंकी घटनाओं पर प्रतिक्रिया देने के लिए और जांच के लिए राज्यों के पुलिस बलों की क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया। रिपोर्ट में बताया गया है कि केंद्र सरकार ने अब तक 42 संगठनों को आतंकवादी संगठन और 31 व्यक्तियों को व्यक्तिगत आतंकवादी घोषित किया है। इसके अलावा आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए विदेशी सहयोगियों के साथ होने वाली बैठकों में सक्रिय रूप से भाग लिया गया।

1414 लोगों को मिली देश की नागरिकता
रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2021 में 1414 लोगों को देश की नागरिकता दी गई है। इसमें 1 अप्रैल से 31 दिसंबर 2021 तक 1120 नागरिकता प्रमाण पत्र प्रदान किए गए, जबकि नागरिकता अधिनियम के तहत 294 लोगों को नागरिकता दी गई है। इसमें कई धर्म के लोग शामिल थे।

केंद्र सरकार ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई या पारसी समुदाय लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान देने के लिए 13 जिलों के कलेक्टरों और दो राज्यों गृह सचिवों की शक्तियों में बढ़ोतरी की है। अब 29 जिलों के कलेक्टरों और 9 राज्यों के गृह सचिवों को नागरिकता प्रदान करने के लिए अधिकृत किया गया है।

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