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हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ रहे 58 विधायकों की औसत संपत्ति में बीते पांच साल के दौरान औसतन 12.08 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। 2017 से पिछले पांच साल के दौरान उनकी संपत्ति में 9.3 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई थी।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और हिमाचल प्रदेश इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के मुताबिक, 49 विधायकों की संपत्ति में पांच से लेकर 1,167 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जबकि नौ विधायकों की संपत्ति में गिरावट देखी गई। चौपाल से भाजपा विधायक बलबीर सिंह वर्मा की संपत्ति 37.71 करोड़ रुपये बढ़ी। वर्मा मौजूदा सदन के सबसे अमीर विधायक हैं। उनकी संपत्ति 2017 में 90.73 करोड़ रुपये थी। उनकी आय के स्रोत वेतन, किराये की आय, होटल, पेट्रोल पंप और बागवानी हैं।
मंडी से भाजपा के विधायक अनिल शर्मा की संपत्ति में 17.23 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई। 2017 में शर्मा ने 40.24 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति घोषित की थी। जो अब बढ़कर 57.48 करोड़ से ज्यादा हो गई है। शिमला ग्रामीण से कांग्रेस के विधायक विक्रमादित्य सिंह की संपत्ति में 17.06 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ और वह तीसरे स्थान पर रहे। पालमपुर से कांग्रेस के विधायक आशीष बुटेल की संपत्ति 8 करोड़ रुपये बढ़कर 30.25 करोड़ रुपये हो गई, जबकि गगरेट से भाजपा के विधायक की संपत्ति 7.17 करोड़ रुपये बढ़कर 28.01 करोड़ रुपये हो गई।
इनकी संपत्ति में कमी आई
●जिन नौ विधायकों की संपत्ति घटी है उनमें पांच भाजपा के और चार कांग्रेस के हैं।
●कसुम्पटी से कांग्रेस विधायक अनिरुद्ध सिंह की संपत्ति पांच साल में 6.01 करोड़ घट गई।
●फतेहपुर से कांग्रेस विधायक भवानी सिंह पठानिया की संपत्ति में 2.64 से ज्यादा की कमी हुई।
●हरोली से कांग्रेस विधायक मुकेश अग्निहोत्री की संपत्ति में भी 2.27 करोड़ की कमी हुई है।
●भाजपा विधायक गोविंद सिंह ठाकुर, परमजीत सिंह पम्मी, बलबीर सिंह, सुखराम चौधरी, बिक्रम सिंह की संपत्ति भी घटी है।