अर्थराइटिस, जिसे हिंदी में गठिया भी कहते हैं, एक ऐसी बीमारी है जो जोड़ों को प्रभावित करती है। यह कई प्रकार की होती है और इसके लक्षणों में जोड़ों में दर्द, सूजन, और गतिशीलता में कमी शामिल हैं। अर्थराइटिस को पूरी तरह से कभी ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन क्या इससे बचा जा सकता है (Is Arthritis Preventable)? इस बारे में हम आगे जानने की कोशिश करेंगे।

क्या अर्थराइटिस से बचा जा सकता है?

डॉ. अखिलेश यादव (मैक्स अस्पताल, वैशाली के ऑर्थोपेडिक्स और जॉइंट रिप्लेसमेंट विभाग के एसोशिएट निदेशक) से बात की। डॉ. यादव ने बताया कि हां, कुछ प्रकार के अर्थराइटिस को जीवनशैली में सुधार (Tips to Prevent Arthritis) करके रोका जा सकता है या उसे टाला जा सकता है। हालांकि, कुछ अर्थराइटिस आनुवांशिक यानी जेनेटिक होते हैं। उनसे पूरी तरह बचना मुश्किल होता है, लेकिन उन्हें भी कुछ टालने की कोशिश की जा सकती है। इसमें भी ओस्टियोअर्थराइटिस, गठिया का सबसे सामान्य प्रकार है, जिसे स्वस्थ्य आदतों को अपनाकर मैनेज किया जा सकता है।

कैसे किया जा सकता है अर्थराइटिस से बचाव?

  • स्वस्थ वजन बनाए रखें- ज्यादा वजन होने से जोड़ों पर दबाव बढ़ाता है। खासकर घुटनों, हिप्स और स्पाइन पर इसका सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है। इसके कारण अर्थराइटिस के लक्षण बढ़ सकते हैं। स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम के जरिए हेल्दी वजन बनाए रखने से जोड़ों पर दबाव कम होता है।
  • नियमित एक्सरसाइज करें- नियमित एक्सरसाइज करने से जोड़ों को मजबूती मिलती है और लचीलापन बढ़ाता है। धीमे-धीमे शुरू करें और ऐसी एक्टिविटीज को चुनें जो आपके लिए आसान हों, जैसे तैराकी, योग, या ताई ची। योग खासकर अर्थराइटिस से बचाव में मदद कर सकता है।
  • संतुलित आहार लें- एक संतुलित आहार जो विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर हो, जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर फूड आइटम्स जैसे मछली, अखरोट और फ्लेक्ससीड सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
  • जोड़ों पर दबाव कम करें- भारी वस्तुओं को उठाने से बचें और ऐसे काम करें जो आपके जोड़ों पर अधिक दबाव न डालें। साथ ही, बार-बार जोड़ों पर चोट लगने या दबाव डालने से बचें, क्योंकि जॉइंट ट्रॉमा की वजह से भी आगे चलकर अर्थराइटिस होने का खतरा रहता है।
  • धूम्रपान छोड़ें- धूम्रपान जोड़ों में ब्लड सर्कुलेशन को कम करता है और सूजन को बढ़ाता है।
  • तनाव प्रबंधन- तनाव अर्थराइटिस के लक्षणों को बढ़ा सकता है। योग, ध्यान और गहरी सांस लेने जैसी तकनीकों का इस्तेमाल करके तनाव को कम करने की कोशिश करें।

डॉ. यादव ये भी बताते हैं कि रूमाटॉइड अर्थराइटिस, जो एक ऑटोइम्यून कंडीशन है, से बचना और भी मुश्किल हो जाता है। हालांकि, इसके खतरे को कम करने के लिए भी स्मोकिंग छोड़ना, तनाव कम करना और अच्छी ओरल हाइजीन का ध्यान रखना जरूरी है।

कब डॉक्टर से संपर्क करें?

यदि आपको जोड़ों में दर्द, सूजन, या कठोरता महसूस होती है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें। जितनी जल्दी आप इलाज शुरू करेंगे, उतने ही बेहतर परिणाम मिलने की संभावना होगी।

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