देश में हवाई यात्राओं के दौरान विमान में खराबी, इंजन में आग लगने जैसी घटनाएं लगातार हो रही हैं। जून से लेकर अभी तक के आंकड़ों को देखें तो ऐसी करीब दो दर्जन घटनाएं हो चुकी हैं। कभी केबिन से धुआं उठने तो कभी आग लगने या ईंजन में खराबी की घटनाएं सामने आई हैं। ऐसे में विमान कंपनियों पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
शुक्रवार की रात दिल्ली से बेंगलुरु जानेवाली इंडिगो फ्लाइट के इंजन में आग लगने से विमान में बैठे 183 यात्रियों की जान आफत में पड़ गई। डीजीसीए ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। बड़ी बात है कि इस तरह की लगातार हो रही घटनाओं के बाद स्पाइसजेट पर 50 फीसदी उड़ानों का प्रतिबंध लगा था, इसे पिछले हफ्ते ही डीजीसीए ने हटाया है लेकिन इसके बावजूद कंपनियों की लापरवाही कम नहीं हो रही है।
पिछले तीन दिनों में लगातार गड़बड़ी
इंडिगो फ्लाइट के इंजन में आग के अलावा पिछले तीन दिनों में लगातार इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं। 28 अक्टूबर को एयर इंडिया की फ्लाइट में तकनीकी खराबी आई थी, 27 अक्टूबर को अकासा एयर की फ्लाइट से पक्षी टकराने का मामला सामने आया था। ऐसे लोगों के मन में फ्लाइस्ट्स को लेकर डर बढ़ता जा रहा है।
1 साल में तकनीकी खराबी से संबंधित घटनाएं(1 जुलाई 2021-30 जून 2022)
एयर इंडिया- 184
इंडिगो- 98
स्पाइसजेट- 77
पहले जाओ- 50
विस्तारा- 40
एयरएशिया इंडिया- 14
एलायंस एयर- 5
एयर इंडिया एक्सप्रेस- 10
(स्त्रोत-नागर विमानन मंत्रालय)
हाल के दिनों में हुई घटनाएं
-19 जून को विंग में आग लगने के बाद पटना-दिल्ली स्पाइसजेट विमान की इमरजेंसी लैंडिंग
-5 जुलाई को तीन स्पाइसजेट उड़ानें, दिल्ली से दुबई,गुजरात से मुंबई कोलकाता से चीन में खराबी
-2 जुलाई को दिल्ली-जबलपुर स्पाइसजेट की फ्लाइट में केबिन में धुआं।
-13 अक्टूबर को कॉकपिट में धुएं के बाद स्पाइसजेट के विमान की हैदराबाद में आपात लैंडिंग
-20 जून को दिल्ली जाने वाली इंडिगो फ्लाइट टेकऑफ़ के बाद पक्षी की चपेट में आई, गुवाहाटी लौटी, उस दिन तीन अलग-अलग घटनाएं हुई थी
-14 जुलाई को इंडिगो की फ्लाइट जयपुर डायवर्ट, विमान के ईंजन में कंपन हुआ था
-17 जुलाई को इंडिगो शारजाह-हैदराबाद उड़ान के ईंजन में खराबी, विमान को कराची की ओर मोड़ दिया गया
गंभीर घटनाओं में वृद्धि
डीजीसीए के अनुसार वर्ष 2019 में उड़ानों से संबंधित 25 गंभीर घटनाएं दर्ज की गईं। यह पिछले नौ वर्षों में सबसे अधिक है। कुल 25 घटनाओं में से 17 इंजन से संबंधित थीं। 2018 में 17 गंभीर घटनाएं दर्ज हुई थी, 2016 और 2017 में 11 गंभीर घटनाएं दर्ज की गईं।