उत्तराखंड में अक्तूबर में जमकर हुई बारिश ने मौसम में तेजी से बदलाव किया। महीने का आखिर आते-आते सुबह और शाम ठंड बढ़ने लगी है। वहीं इस बार पश्चिमी विक्षोभ के चलते नवंबर के दूसरे हफ्ते से ही ठंड में जबरदस्त इजाफा होने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले एक हफ्ते में देश में दो पश्चिमी विक्षोभ दस्तक देने वाले हैं। इसके चलते 6 नवंबर से मध्य भारत तक दिन में अधिक ठंड महसूस होगी। यही नहीं अगले चार महीने पहाड़ी राज्यों से मध्य भारत तक के राज्यों में कड़ाके की सर्दी पड़ सकती है।
पश्चिमी विक्षोभ के 3 नवंबर को दस्तक देने की संभावना है। इसकी वजह से 5 नवंबर तक कश्मीर, हिमाचल व उत्तराखंड में बारिश व वर्फबारी हो सकती है। मौसम विभाग का कहना है कि इस साल सर्द दिनों को संख्या बढ़ेगी। कड़ाके की ठंड चार माह रहने की अनुमान है। शनिवार को हल्द्वानी में अधिकतम तापमान 28 और न्यूनतम तापमान 15.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वातावरण में नमी की मात्रा 59 प्रतिशत दर्ज की गई।
पंतनगर विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. आरके सिंह ने कहा, ”इस बार वैश्विक मौसमी घटना ला-नीना के चलते चार माह तक तेज ठंड रहने का अनुमान है। पश्चिमी विक्षोभ के चलते नवंबर के पहले हफ्ते के अंतिम दिनों से ठंड तेज होने की संभावना है।”
वहीं, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि बहुप्रतीक्षित उत्तर-पूर्वी मानसून ने शनिवार को तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में दस्तक दे दी है। तमिलनाडु में ज्यादातर बारिश उत्तर-पूर्वी मानसून के दौरान होती है, जो अक्टूबर से दिसंबर तक रहता है।
आईएमडी ने कहा कि आज 29 अक्टूबर 2022 को तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल तथा आंध्र प्रदेश के आसपास के क्षेत्रों में उत्तर-पूर्वी मानसून की बारिश शुरू हो गई। मौसम कार्यालय ने दो नवंबर तक तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में विभिन्न स्तरों की बारिश होने का अनुमान जताया है। तमिलनाडु में हर साल औसतम 914 मिलीमीटर बारिश होती है, जिसमें से लगभग 48 प्रतिशत बारिश उत्तर-पूर्वी मानसून के दौरान दर्ज की जाती है।