आगरा
आगरा के एसएसपी के पेशकार के नाम पर 20 लाख रुपये की वसूली के मामले में 21 दिन पहले मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले में पुलिस ने सोमवार को मुख्य आरोपित के पिता हरिशंकर तिवारी को गिरफ्तार कर लिया। मुख्य आरोपित को अभी पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी है। उधर, पीड़ित ने आरोप लगाया है कि सोमवार को उन्हें थाने बुलाकर दारोगा ने समझौते को दबाव बनाया था।
निबोहरा के पछाह गांव निवासी रमेश तोमर के खिलाफ पिछले माह एत्मादपुर की एक महिला ने दुष्कर्म का मुकदमा लिखाया था। आरोपित रमेश के भाई मुकेश के अनुसार, गांव के ही मनोज तिवारी ने इस मुकदमे को खत्म कराने का वादा किया। 28 मार्च को एसएसपी का पेशकार बताकर एक व्यक्ति को मिलवाया। इसके बाद सिकंदरा क्षेत्र में मनोज तिवारी और तथाकथित एसएसपी के पेशकार को 20 लाख रुपये दिए।
मुकदमा खत्म न होने पर उन्होंने मामले की शिकायत एसएसपी सुधीर कुमार सिंह से की। एसएसपी के निर्देश पर सिकंदरा थाने में 10 मई को धोखाधड़ी और अपराधिक साजिश की धारा के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। इसमें मनोज तिवारी, उसके पिता हरिशंकर, चाचा सुरेश, पंचगाई खेड़ा निवासी रघुनाथ शर्मा और सूर्यकांत नामजद थे। मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस शांत बैठ गई। एसएसपी ने दो दिन पहले मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए।
इसके बाद सोमवार को सिकंदरा थाने की टीम हरिशंकर को गांव से पकड़कर थाने ले आई। मुकेश का आरोप है कि एक दारोगा ने उन्हें फोन करके थाने बुलाया। वहां आरोपित के रिश्तेदार पहले से बैठे हुए थे। उन्होंने कहा कि वे दुष्कर्म का मुकदमा खत्म करा देंगे और 20 लाख रुपये भी वापस करा देंगे। पुलिस हिरासत में लिए गए हरिशंकर को छोड़ने के लिए पेपर पर लिखकर दे दें। मुकेश ने इससे इन्कार कर दिया।
आरोप है कि इसके बाद दारोगा ने भी उन पर समझौता करने को दबाव बनाया। उनसे कहा कि पांच दिन में रुपये वापस करा दिए जाएंगे। लिखकर नहीं देंगे तो वे शाम को छोड़ देंगे। इसके बाद भी मुकेश उनके दबाव में नहीं आए। मामला अधिकारियों तक पहुंचने के बाद आरोपित हरिशंकर को गिरफ्तार दिखाया गया। एसएसपी सुधीर कुमार सिंह का कहना है कि मामले की जांच कराई जाएगी। पीड़ित द्वारा लगाए गए आरोप सही पाए जाने पर दारोगा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।