आगरा
आगरा में रेलवे ने राजा की मंडी स्टेशन पर बने चामुंडा देवी मंदिर को हटाने के लिए नोटिस दिया तो यह चर्चा शुरू हो गई कि मंदिर पहले बना या रेलवे स्टेशन। मंदिर प्रबंधन और रेलवे के अपने अपने दावे हैं। रेलवे इसे अतिक्रमण मान रहा है। अमर उजाला के पास ऐसे दस्तावेज हैं, जिनसे यह पता लगता है कि मंदिर राजा की मंडी रेलवे स्टेशन से पहले का है। 1953 में मंदिर प्रबंधन का सेंट्रल रेलवे, प्रशासन और आगरा इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के साथ त्रिपक्षीय समझौता हुआ था, जिसमें मंदिर से जमीन ली गई और रेलवे ने बदले में लोहामंडी की ओर 39.25×3 फीट जमीन दी। यह पहला मामला है, जिसमें रेलवे द्वारा राजा की मंडी स्टेशन के लिए बनाए गए नक्शे में ही समझौता वार्ता को शामिल किया गया और समझौते के गवाह सात व्यक्तियों और तीन अधिकारियों के हस्ताक्षर कराए गए। समझौते की शर्तों को हिंदी और अंग्रेजी में नक्शे पर ही एक किनारे अंकित किया गया है।