आगरा
उप्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने वादों की झड़ी लगाई। लड़कियों को स्कूटी और मोबाइल देने के साथ 10 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज का वादा किया। बिजली के बिल हाफ करने और किसानों का कर्जा माफ करने का ख्वाब भी दिखाया। पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव व उप्र प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा स्वयं कमान संभालने और रंगीन सपने दिखाने के बावजूद ईवीएम की पिचकारी में रंग न घुल सके। खेरागढ़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़े प्रत्याशी रामनाथ सिकरवार ही पार्टी की लाज बचा सके। अन्य प्रत्याशी जमानत भी नहीं बचा सके।
प्रियंका गांधी ने आगरा में सहानुभूति कार्ड खेलते हुए आगरा छावनी विधानसभा सीट से वाल्मीकि समाज के सिकंदर सिंह को प्रत्याशी बनाया था। पार्टी ने वाल्मीकि समाज के तख्त चौधरियों व पंचों द्वारा नाम सुझाने के बाद उन्हें चुना था। आगरा दक्षिण, एत्मादपुर, फतेहपुर सीकरी, फतेहाबाद में युवा चेहरों पर पार्टी ने दाव खेला था। यहां न तो सहानुभूति कार्ड चला और न युवा चेहरे ही वोट बटोर पाए। खेरागढ़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़े रामनाथ सिकरवार ही पार्टी की लाज बचा सके। 60077 वोट प्राप्त कर वो दूसरे स्थान पर रहे। इसे पार्टी से अधिक उनकी व्यक्तिगत छवि का असर माना जा रहा है। पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष उपेंद्र सिंह केवल 3770 वोट प्राप्त कर सके। उन्हें केवल 1.44 प्रतिशत वोट मिला। बाह से लड़ीं मनोज दीक्षित, फतेहपुर सीकरी से लड़े हेमंत चाहर, एत्मादपुर से लड़ीं शिवानी देवी और फतेहाबाद से लड़े होतम सिंह निषाद एक प्रतिशत वोट भी प्राप्त नहीं कर सके। होतम सिंह तो छठे स्थान पर रहे। आगरा उत्तर से लड़े विनोद बंसल, आगरा दक्षिण से लड़े अनुज शर्मा और आगरा छावनी से लड़े सिकंदर सिंह चौथे स्थान पर रहे।
इन प्रत्याशियों को मिले नाेटा से कम मत
प्रत्याशी, प्रत्याशी को प्राप्त मत, नोटा
हेमंत चाहर, 1192, 1620
होतम सिंह, 683, 2472
मनोज दीक्षित, 1229, 1837
शिवानी देवी, 1320, 1891
इन्होंने किए थे रोड शो
आगरा में कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में प्रियंका गांधी वाड्रा, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने रोड शो किए थे। प्रमोद तिवारी ने प्रत्याशियों के समर्थन में सभाएं कीं, लेकिन किसी का जादू मतदाताओं पर नहीं चला।