आगरा
जोंस मिल मामले में पैरवी कर रहे अधिवक्ता कपिल पंवार की एक वर्ष पहले अपहरण कर हत्या कर दी गई थी। इटावा में नहर में उनका शव मिला था। मुख्य आरोपित व अन्य को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया। मगर, एक आरोपित एक वर्ष से फरार था। सोमवार को पुलिस ने फरार आरोपित को गिरफ्तार कर लिया।
अधिवक्ता कपिल पवार जीवनी मंडी स्थित जोंस मिल परिसर में ही एक आवास में रहते थे। 26 अक्टूबर 2020 की शाम को अपनी कार सहित लापता हुए थे। 27 अक्टूबर को उनकी मां ने छत्ता थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। छत्ता पुलिस ने बाद में गुमशुदगी को अपहरण के मुकदमे में बदल दिया। अधिवक्ता की तलाश को पुलिस ने जीवनी मंडी के सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए। पुलिस ने यमुना एक्सप्रेस वे, लखनऊ एक्सप्रेस वे, खंदौली और टूंडला टोल के सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले, लेकिन कोई सुराग नहीं मिल सका। इटावा के भरथना के मल्हौसी नहर पुल के नीचे 27 अक्टूबर को अधिवक्ता कपिल पंवार का शव मिला था। जानकारी होने पर स्वजन ने शिनाख्त की। पुलिस ने अधिवक्ता की सास शिमला पंवार, एत्माद्दौला के राहुल और अनवर को गिरफ्तार करके मामले का पर्दाफाश कर दिया था। सास शिमला ने दामाद की हत्या कराई थी। इसके लिए टेढ़ी बगिया निवासी जीतू यादव को 10 लाख रुपये में सुपारी दी थी। पुलिस जीतू को पकड़ती, उससे पहले ही उसने फिरोजाबाद कोर्ट में एक पुराने मामले में समर्पण कर दिया। बाद में पुलिस ने उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। इंस्पेक्टर छत्ता शेर सिंह के अनुसार, घटना में एत्माद्दौला के यमुना ब्रिज निवासी देवेंद्र का भी नाम प्रकाश में आया था। वह भी जीतू के साथ घटना में शामिल था। पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। मगर, वह पुलिस के हाथ नहीं आ रहा था। सोमवार को पुलिस ने देवेंद्र को गिरफ्तार कर लिया।