कोरोना महामारी से पूरी दुनिया अस्त-व्यस्त हो गई और चारों तरफ लोग इस बीमारी के साथ-साथ कई सारी समस्याओं से जूझ रहे हैं। हम सभी जानते हैं कि कोविड-19 की वजह से देश की अर्थव्यवस्था के साथ नौकरी-पेशा का क्षेत्र मंदी की मार झेल रहा है। फ़ायदे की बात तो दूर लोग सिर्फ़ मुश्किल से अपना खाना-खर्चा का बंदोबस्त कर पा रहे हैं. कोरोना आने से ना सिर्फ़ गरीब लोगों पर दुखों का पहाड़ टूटा है बल्कि अच्छे खासे-पढ़े लिखे और नौकरी या अपना काम करने वाले लोग भी कर्ज तले दब गए। लोगों के लाखों-करोड़ों का व्यापार खत्म हो गया और कई लोगों के हाथों से नौकरियां चली गई जिसके चलते कई लोग इस बीमारी के साथ-साथ कई सारे तनाव झेल रहे हैं। भले ही आज कोरोना की वैक्सीन आ गई हो, मगर कोरोना का खौफ़ दुनिया में ज्यों का त्यों बना हुआ है। खैर, इस प्राकृतिक आपदा के चलते हर इंसान दुखी हो रहा है वही दूसरी तरफ़ कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इस आपदा को अवसर के तौर पर भूना रहे हैं। जी हां आज हम आपको एक ऐसे शख्स मिलवाते हैं जिसने इस कोरोना के विपत्ति काल में ना सिर्फ़ हौसला बनाए रखा बल्कि बड़ी मजबूती के साथ अपने काम पर डटा रहा और अपनी मेहनत से अपने स्टार्टअप को एक नए मुकाम तक पहुंचाने में सफल भी हुआ। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ ज़िले के छोटे से गांव काजिमाबाद से निकले एक लड़के ने अपने हुनर और मेहनत के बलबूते मीडिया के क्षेत्र में ना सिर्फ़ खुद को स्थापित किया है, बल्कि कोरोना काल में भी लोगों के लिए रोज़गार के दरवाजे खोल दिए। जी हां हम बात कर रहे हैं डेली डायरी न्यूज़ और डेली डायरी नेटवर्क के फाउंडर प्रखर वार्ष्णेय की, जो गाजियाबाद में रहकर आपदा में अवसर की खोज कर अपने सपनों को मुकाम तक ले जा रहे हैं।
जब कोरोना की वजह से सारे काम काज बंद चल रहे थे तब डिजिटल मीडिया बूम पर था इसी का फायदा डेली डायरी नेटवर्क के फाउंडर प्रखर वार्ष्णेय ने उठाया और अपने बिज़नेस को नए मुकाम पर ले गए। इस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया पर कई चैनल स्टार्ट किये और सभी को सफलता मिली साथ ही उन्होंने इस दौरान कई पॉलिटिशियन और बिज़नेस कम्पनीज का काम भी देखा और उन्हें डिजिटल दुनिया में लोगों के बीच एक अलग पहचान दिलाई।
साल 2017 में सोशल मीडिया के बढ़ते कदम को देख, यूट्यूब पर ऑनलाइन खबरों को प्रकाशित करने के लिए, प्रखर वार्ष्णेय ने दोस्तों के साथ मिलकर एक टीम बनाकर एक चैनल बनाया जिसका नाम डेली डायरी न्यूज़ रखा। टीम डेली डायरी ने इस चैनल को मुकाम पर पहुंचाने की हर संभव प्रयास किया। आज इस चैनल के 11 लाख सब्सक्राइबर और 30 करोड़ विवर्स है।
साथ ही उनके काफ़ी सारे ऐसे डिजिटल चैनल है जिनमे वो अपने दोस्तों के साथ मिलकर मनोरंजन, धर्म, स्पोर्ट्स से लेकर राजनीति की दुनिया में चल रही हलचल को सबसे पहले, सबसे तेज़ और तथ्यों के साथ प्रकाशित करने पर बल दे रहे हैं। डेली डायरी नेटवर्क के कई ऐसे चैनल्स है जिनके सब्सक्राइबर एक दो लाख से ऊपर है उनमे मैन है गजब समाचार, राष्ट्र्य समाचार, डेली डायरी यूपी, डेली डायरी दिल्ली- एनसीआर आदि शामिल है। साथ ही मैं और वो भी डेली डायरी नेटवर्क और प्रखर वार्ष्णेय का एक ऐसा सपना और मंच है जहाँ लोग अपने दिल की बात रखते, जहाँ शेर और शायरियां होती है । जो चैनल्स प्रखर के है या जिनमे वो सहयोगी है उनके टोटल करीब 25 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर है और 50 करोड़ से ज्यादा विवर्स है। उनकी टीम को यूट्यूब की तरफ से अब तक 1 गोल्डन बटन और 4 सिल्वर बटन मिल चुके है |
इसके साथ, कोरोना काल में प्रखर वार्ष्णेय ने डेली डायरी का पूरा नेटवर्क स्थापित कर लिया है, जिसमें ये डिजिटल मीडिया और PR के बाज़ार में पूरी तरह से उतर चुके है। आज डेली डायरी नेटवर्क बड़े-बड़े उधोगपतियों, राजनीतिज्ञ और सेलिब्रेटियों को PR और डिजिटल मार्केटिंग से सम्बन्धित सेवाएं प्रदान करते हैं। यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि आज डेली डायरी नेटवर्क को जो एक पहचान प्राप्त हुई है वह प्रखर वार्ष्णेय और उनकी टीम कड़ी मेहनत का ही नतीजा है। अपने अच्छे स्वभाव और बिजनेस में ईमानदारी को सबसे ऊपर रखने वाले प्रखर वार्ष्णेय पर आज कई बड़े लोग भरोसा जमाए बैठे है और अपने काम को एक साथ मिलकर आगे बढ़ा रहे हैं। इतना ही नहीं, प्रखर वार्ष्णेय कोरोना काल में भी हमेशा दूसरों की हर संभव मदद के लिए और गरीबों के लिए हमेशा खड़े रहे।