आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में 60 से 70 लोग फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए। विशाखापट्टनम के मगतपालेम गांव में यह घटना हुई। पेदरू विधानसभा की विधायक भाग्य लक्ष्मी ने बताया कि गंभीर रूप से बीमार सभी लोगों को इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले पर जांच के आदेश दे दिए गए हैं।फूड पॉइजनिंग का प्रमुख कारण गलत खान-पान है। कच्ची सब्जियां, अधपका मांस, कच्चा दूध या उससे बनी चीजें हैं जिसके कारण फूड प्वाइजनिंग होता है। बैक्टीरिया और वायरस फूड पॉइजनिंग के मुख्य कारक हैं। फूड प्वाइजनिंग के लक्षणों के बारे में बात करें तो पेट दर्द, जी मिचलाना, दस्त, बुखार और शरीर में दर्द के लक्षण दिख सकते हैं। इसमें न सिर्फ पेट मरोड़ के साथ दर्द करता है, बल्कि डायरिया, उल्टी आदि की समस्याएं नजर आने लगती हैं। इस दौरान पेट फूला-सा महसूस होता या लगातार पेट दर्द के साथ उल्टियां होती हैं। ज्यादातर फूड प्वाइजनिंग में पेट के संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं। सबसे खास बात यह है कि फूड प्वाइजनिंग के अधिकांश मामलों की अवधि 5-7 दिनों की होती है, लेकिन कई बार यह जीवन के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। खासकर बुजुर्ग, कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों, गर्भवती महिलाओं और एचआईवी संक्रमण वाले लोगों को फूड प्वाइजनिंग के मामले में ज्यादा सतर्क रहना होता है।