कोरोना वायरस जब पूरे विश्व में लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है, उस समय आगरा का दयालबाग सब लोगों के लिए नजीर बनकर सामने आया है। यहां के लोगों ने संक्रमण काल में अनुशासन और सतर्कता के चलते कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने नहीं दिया। पांच महीने पहले ही इस वायरस को हराने के लिए दयालबाग के राधास्वामी सत्संग सभा ने तैयारी शुरू हो गई थी, बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक ने छह फीट की दूरी, मास्क और सेनिटाइजर को जीवनशैली का हिस्सा बना लिया। तभी तो सत्संग सभा से जुडे़ अनुयायी कोरोना वायरस से बचे हुए हैं।
आगरा में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार फैल रहा है। ऐसे में शहर के तमाम इलाकों में कोरोना संक्रमित मिले हैं, लेकिन दयालबाग में राधास्वामी सत्संग सभा से जुड़ी कॉलोनियों में संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है। ऐसा केवल सतर्कता और अनुशासन के चलते हुआ है। चीन में जब कोरोना वायरस कहर मचा रहा था, उस समय ही दयालबाग में इस वायरस से निपटने की तैयारी शुरू हो गई थीं। सत्संग सभा के मीडिया प्रभारी एसके नैयर ने बताया कि फरवरी में ही सभी लोगों को सिर पर हेलमेट और मास्क लगाने के लिए निर्देश दिए गए थे। तभी से सबने इसका पालन करना शुरू कर दिया था। जब भारत में कोरोना का पहला केस आया था। तब से सभी ने छह फीट की शारीरिक दूरी का कड़ाई से पालन किया। संक्रमण काल में खेतों में श्रमदान के दौरान भी अनुशासन का पालन हुआ।
घर में भी मास्क का कर रहे प्रयोग
सत्संगी घर में और बाहर निकलते समय मुंह पर मास्क और सिर पर हेलमेट लगाकर निकलते हैं। पैदल हो या साइकिल या फिर कार में चलने वाला हर कोई हेलमेट पहना हुआ दिख जाएगा। लोगों ने बताया कि जब शुरू में वह हेलमेट और मास्क लगाकर निकलते थे तो दूसरे लोग उन्हें देखकर हंसते थे। मगर, इसके बाद भी सभी ने निर्देशों का पालन करते हुए हेलमेट और मास्क पहनना जारी रखा।
मार्च से बाहरी लोगोंं का प्रवेश बंद
सत्संग सभा द्वारा मार्च में ही बाहरी लोगों का दयालबाग में प्रवेश रोक दिया गया था। बाहर से आने वाले स्थानीय लोगों को भी पहले क्वारंटाइन किया गया। इसके अलावा कई कार्यक्रमों को निरस्त भी किया गया, जिससे भीड़ न जुटे। खेतों में भी संख्या को सीमित किया गया, जिससे शारीरिक दूरी के नियम का पालन हो सके। सत्संग का भी ई टेलीकास्ट किया गया।
नगर पंचायत ने भी किया काम
स्वामी बाग और दयालबाग नगर पंचायत ने भी कोरोना से लड़ने के लिए फरवरी से तैयारी शुरू कर दी थी। नियमित सफाई। फॉगिंग और सैनिटाइजेशन नियमित अंतराल पर होता रहा। इसके अलावा सब्जी की फड़ और ठेल लगाने वालों के लिए थोड़ी-थोड़ी दूरी छोड़कर स्थान तय किए। यहां पर शारीरिक दूरी का पालन कराने की जिम्मेदारी भी तय की गई।
बाहरी सामान कर दिया बंद