गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव से पहले सदस्यता अभियान को सफल बनाने में भाजपा नेता जुट गए हैं। सदस्यता अभियान के दौरान ही विपक्षी दलों में सेंध लगाने की तैयारी भी भाजपा ने की है, जिससे कि उपचुनाव से पहले विपक्ष को कमजोर किया जा सके। आने वाले दिनों में विपक्ष के कई स्थानीय नेताओं को भाजपा में शामिल किया जा सकता है।
अतुल गर्ग के इस्तीफे से खाली हुई सीट
गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट पर पिछले दो बार हुए उपचुनाव में भाजपा का कब्जा रहा है। यहां पर पार्टी के प्रत्याशी अतुल गर्ग ने भारी मतों से जीत हासिल की। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अतुल गर्ग को गाजियाबाद लोकसभा क्षेत्र का प्रत्याशी बनाया।
चुनाव में जीत हासिल कर अतुल गर्ग सांसद निर्वाचित हुए और विधायक पद से इस्तीफा दिया, जिस कारण गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट रिक्त हो गई है।
2004 के उपचुनाव में जीती थी सपा
इस सीट पर इससे पहले वर्ष 2004 में उपचुनाव हुआ था, जिसमें भाजपा प्रत्याशी सुनीता दयाल को हार का सामना करना पड़ा था। सपा प्रत्याशी सुरेंद्र मुन्नी ने चुनाव में जीत हासिल की थी।
20 साल पुराने इतिहास को देखते हुए उपचुनाव काे लेकर भाजपा ने तैयारी तेज कर दी है। भले ही दो बार लगातार इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी को जीत हासिल हुई लेकिन कार्यकर्ताओं को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि वे लोकसभा चुनाव की तरह अति उत्साह में न रहें।
साढ़े सात लाख लाेगों को भाजपा से जोड़ने की तैयारी
उपचुनाव में उतरने से पहले सदस्यता अभियान के दौरान जिले में साढ़े सात लाख लाेगों को भाजपा की सदस्यता दिलाने की तैयारी की गई है। इनमें से पांच लाख लोग महानगर के हों, ऐसा लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
महानगर के अंतर्गत आने वाली गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट पर सदस्यता अभियान के दौरान बड़े कार्यक्रम के आयोजन की भी तैयारी की गई है। जिसमें अधिक से अधिक लोगों को पार्टी की सदस्यता दिलाई जाएगी।
भाजपा नेता और कार्यकर्ता विपक्ष के उन नेताओं से भी संपर्क बढ़ा रहे हैं, जिनके पार्टी में शामिल किए जाने से भाजपा को उपचुनाव में मजबूती मिल सकती है। इसके अलावा पार्टी से पूर्व में नाराज हुए नेताओं और कार्यकर्ताओं की घर वापसी कराई जाएगी।