बेंगलुरु
वैश्विक स्तर पर कमजोर मांग के चलते वित्त वर्ष 2023-24 में देश की तीन सबसे बड़ी सूचना-प्रौद्योगिकी (आइटी) कंपनियों टीसीएस, इंफोसिस और विप्रो ने 64 हजार कर्मचारियों को निकाला है। शुक्रवार को मार्च तिमाही के नतीजे का एलान करने वाली कंपनी विप्रो में कर्मचारियों की संख्या घटकर 2,34,054 हो गई, जो एक साल पहले की अवधि में 2,58,570 थी।
इस तरह कंपनी के कर्मचारियों की संख्या में 24,516 की गिरावट आई है। विप्रो के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी सौरभ गोविल ने बताया कि कर्मचारियों की संख्या में कमी मुख्य रूप से बाजार और मांग के माहौल के साथ हमारे द्वारा संचालित परिचालन दक्षता के चलते आई है।
लंबी अवधि में जैसे-जैसे कंपनी अधिक आइपी-आधारित प्लेटफार्म और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की ओर बढ़ेगी, कर्मचारियों की संख्या में होने वाली वृद्धि में अंतर देखने को मिलेगा। भारत का आइटी सेवा उद्योग 254 अरब डॉलर का है और यह वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और भू-राजनीतिक उतार-चढ़ाव से जूझ रहा है।
भारत की दूसरी सबसे बड़ी आइटी सेवा निर्यातक इन्फोसिस के कुल कर्मचारियों की संख्या मार्च, 2024 में घटकर 3,17,240 हो गई, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 3,43,234 कर्मचारियों से 25,994 कम है।
कंपनी के सीएफओ जयेश संघराजका का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में हायरिंग मॉडल बदल गया है। अब हम कैंपस हायरिंग के दौरान अधिक सतर्क माडल का इस्तेमाल कर रहे हैं। वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में टीसीएस में भी कर्मचारियों की संख्या में 13,249 की गिरावट दर्ज की गई है। मार्च अंत में उसके कर्मचारियों की कुल संख्या 6,01,546 थी।