नई दिल्ली
सनातन धर्म में संक्रांति तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन सूर्य देव राशि परिवर्तन करते हैं। सूर्य देव के मकर राशि में गोचर करने की तिथि पर मकर संक्रांति मनाई जाती है। इस दिन सूर्य देव उत्तरायण होते हैं। संक्रांति तिथि पर गंगा स्नान का विधान है। साथ ही पूजा, जप-तप और दान किया जाता है। ज्योतिषियों की मानें तो वर्ष 2024 में मकर संक्रांति तिथि पर विशेष शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन शिव जी कैलाश पर विराजमान रहेंगे। अगर आप भगवान शिव की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो इस शुभ मुहूर्त में संक्रांति तिथि पर स्नान-ध्यान कर महादेव का अभिषेक करें।
मकर संक्रांति तिथि पर वरीयान योग का निर्माण देर रात 11 बजकर 11 मिनट तक है। साथ ही इस दिन रवि योग का भी निर्माण हो रहा है। रवि योग सुबह 08 बजकर 07 मिनट है। इसके अलावा, बव और बालव करण का निर्माण हो रहा है। बव करण का निर्माण दोपहर 3 बजकर 35 मिनट तक है। इन योग में पूजा-पाठ कर दान-पुण्य करने से आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है।
मकर संक्रांति तिथि पर देवों के देव महादेव दोपहर 02 बजकर 16 मिनट तक कैलाश पर विराजमान रहेंगे। इस दौरान भगवान शिव का अभिषेक कर सकते हैं। शास्त्रों में निहित है कि भगवान शिव के कैलाश पर रहने के दौरान अभिषेक करने से साधक को मृत्यु लोक में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी दुख और संकट दूर हो जाते हैं। वहीं, गंगाजल में काले तिल मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। अतः मकर संक्रांति तिथि पर पितरों का आशीर्वाद पाने हेतु भगवान शिव का अभिषेक अवश्य करें।