भारतीय सेना आने वाले समय में इलेक्ट्रिक वाहनों पर निर्भरता को बढ़ाने पर विचार कर रही है। इस मामले के जानकार अधिकारियों ने बुधवार को नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि कार्बन उत्सर्जन और फॉजिल फ्यूल्स पर निर्भरता को कम करने के लिए, सेना विभिन्न स्थानों पर इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे- बसों, मोटर साइकिलों, हल्के वाहनों आदि को शामिल करने की प्लानिंग पर काम कर रही है। ऊपर बताए गए अधिकारियों में से एक ने कहा, “सेना की रोजगार क्षमता, रोजगार के दूरस्थ स्थानों और ऑपरेशनल कमिटमेंट्स के विभिन्न फैक्टर्स को लेकर इलेक्ट्रिक वाहनों को शामिल करने के लिए एक निश्चित समयबद्ध रोड मैप पर पहुंचने पर विचार किया गया है।”
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों से सेना लगभग 25% हल्के वाहनों, 38% बसों और 48% मोटरसाइकिलों और पर्याप्त चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ बदल देगी। यह सेना की जरूरतों और अलग-अलग इलाकों में इलेक्ट्रिक वाहनों की रोजगार क्षमता के हिसाब से किया जा रहा है। इसके लिए सेना इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रही है, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों को आगे बढ़ाने में मदद मिल सके।
पार्किंग में लगाए गए चार्जिंग पॉइंट्स
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि कार्यालयों और आवासीय परिसरों की पार्किंग में चार्जिंग पॉइंट स्थापित किए गए हैं। प्रति स्टेशन ईवी की अनुमानित संख्या के आधार पर पर्याप्त क्षमता वाले ट्रांसफॉर्मर लगाए गए हैं। इसके अलावा, सोलर पैनल से चलने वाले चार्जिंग स्टेशन्स भी तैयार किए गए। अधिकारी ने कहा कि सेना कैपिटल रूट से इलेक्ट्रिक वाहन खरीद रही है और बसों की मौजूदा कमी को इलेक्ट्रिक बसों की खरीद से पूरा किया जाएगा। जल्द ही 24 फास्ट चार्जर्स के साथ 60 बसों को खरीदने के लिए टेंडर निकाला जाएगा।
तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों को शामिल करेगी सेना
सेना तेजी से इलेक्ट्रिव वाहनों को अपने बेड़े में शामिल करेगी। अधिकारी ने बताया, ”सरकार द्वारा अपनाए जा रहे ग्रीन इनिशिएटिव की गति और फॉजिल फ्यूल पर निर्भरता को कम करने के प्रयासों को ध्यान में रखते हुए, बदलते परिवेश के अनुकूल होना आवश्यक है।” अधिकारियों ने कहा कि सरकार की हाइब्रिड और ईवी (फेम) I और II (इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए) के तेजी से अपनाने और निर्माण की पॉलिसी ने देश में ईवी इकोसिस्टम को बनाए रखने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को बढ़ावा दिया है। उन्होंने बताया कि सेना ने पहले से ही नागरिक ट्रांसपोर्ट के हिस्से के रूप में इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।