इस्लामी संगठन ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (PFI) की ओर से शुक्रवार को केरल में बुलाई गई दिनभर की हड़ताल के बीच राज्य में कई जगहों पर सार्वजनिक परिवहन की बसों पर पथराव होने, दुकानों, वाहनों को क्षति पहुंचाने और कुछ जगहों पर हिंसा की घटनाएं देखने को मिली है। कन्नूर के मट्टनूर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के ऑफिस पर पेट्रोल बम भी फेंके जाने की भी खबर है। विरोध प्रदर्शनों के बीच केरल में 500 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 400 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है।
देश में आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने के आरोप में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) तथा अन्य एजेंसियों द्वारा पीएफआई के कार्यालयों और उसके नेताओं से जुड़े परिसरों पर गुरुवार को छापे मारे जाने के विरोध में पीएफआई ने आज हड़ताल करने का आह्वान किया था। हड़ताल समर्थकों ने उन जगहों पर प्रदर्शन मार्च निकाला, वाहनों को रोका और विभिन्न जगहों पर जबरन दुकानों को बंद कराया, जहां संगठन की स्थिति मजबूत है।
पुलिसकर्मियों के अलावा कुछ बस और लॉरी चालकों तथा यात्रियों को पथराव और संबंधित घटनाओं में चोटें आई हैं। केरल हाई कोर्ट ने पीएफआई की हड़ताल और राज्य में आज हुई हिंसा की घटनाओं पर संज्ञान लिया है। अदालत ने कहा कि हड़ताल पर उसने पहले ही रोक लगा रखी है और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना स्वीकार नहीं किया जाएगा।
पुलिसकर्मियों को अपनी बाइक से मारी टक्कर
अदालत ने राज्य प्रशासन को उसके हड़ताल पर प्रतिबंध संबंधी आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया। कोट्टायम जिले के एराट्टुपेटा शहर में बड़ी संख्या में एकत्रित प्रदर्शनकारियों के वाहनों को रोकने, दुकानों को बंद कराने और निजी वाहनों पर यात्रा करने वाले लोगों को धमकी देने की कोशिश करने पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। शहर एवं उसके आस-पास अधिक से अधिक संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है क्योंकि इलाके में चिंता बनी हुई है। कोल्लम में पल्लिमुक्कु में एक हड़ताल समर्थक ने कथित रूप से पेट्रोलिंग ड्यूटी पर तैनात दो पुलिसकर्मियों को अपनी बाइक से टक्कर मार दी क्योंकि उन्होंने उसे यात्रियों को परेशान करने से रोकने की कोशिश की थी।
प्रदर्शन में कई बसें बुरी तरह क्षतिग्रस्त
तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, कोझिकोड, वायनाड और अलप्पुझा समेत विभिन्न जिलों में केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) की बसों पर पथराव किया गया। कई बसें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। उनके शीशे टूट गए और सीट क्षतिग्रस्त हो गए। हालांकि परिवहन मंत्री एंटनी राजू ने कहा कि केएसआरटीसी की बसों के खिलाफ व्यापक हमलों के मद्देनजर सेवा नहीं रोकी जाएगी। उन्होंने कहा, ‘हमारी मंशा यात्रियों को अधिक से अधिक सेवा उपलब्ध कराना है जो हड़ताल के कारण यात्रा में परेशानी का सामना कर रहे हैं। पुलिस निश्चित रूप से हिंसा और बर्बादी में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।’ अलप्पुझा में हड़ताल का समर्थन कर रहे लोगों के पथराव में केएसआरटीसी की बसें, टैंकर लॉरी और कुछ अन्य वाहनों को नुकसान पहुंचने की खबर है।
छापेमारी वाली जगहों पर निकाला था मार्च
पीएफआई ने गुरुवार को कहा था कि ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नियंत्रण वाली फासीवादी सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर विरोधियों को चुप कराने के प्रयासों’ के खिलाफ शुक्रवार को राज्यभर में हड़ताल की जाएगी। पीएफआई के राज्य महासचिव ए अब्दुल सत्तार ने एक बयान जारी कर बताया था कि हड़ताल सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक होगी। इससे पहले, पीएफआई के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को उन जगहों पर मार्च निकाला था, जहां छापे मारे गए थे। उन्होंने केंद्र सरकार और उसकी जांच एजेंसियों के खिलाफ नारेबाजी भी की थी। हालांकि, सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के इरादे से ऐसे सभी स्थानों पर केंद्रीय बलों को पहले से ही तैनात किया गया था।
15 राज्यों में छापेमारी, 106 गिरफ्तारियां
एनआईए के नेतृत्व में कई एजेंसियों ने देश में आतंकी गतिविधियों को समर्थन देने के आरोप में गुरुवार को 15 राज्यों में 93 स्थानों पर एक साथ छापेमारी कर पीएफआई के 106 पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया था। अधिकारियों ने बताया था कि केरल में, जहां पीएफआई के कुछ मजबूत गढ़ हैं, सबसे ज्यादा 22 गिरफ्तारियां की गईं। गिरफ्तार किए गए लोगों में पीएफआई की केरल इकाई के अध्यक्ष सी पी मोहम्मद बशीर, राष्ट्रीय अध्यक्ष ओ एम ए सलाम, राष्ट्रीय सचिव नसरुद्दीन एलमारम, पूर्व अध्यक्ष ई अबूबकर और अन्य शामिल हैं।