देश में डेढ़ साल बाद होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए माहौल गरमाने लगा है। विपक्षी एकता की कोशिशें जारी हैं। मौजूदा सियासी घटनाक्रम पर केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने शुक्रवार को ‘हिन्दुस्तान’ से खास बातचीत की। उन्होंने दो-टूक कहा कि मोदी की साख का कोई सानी नहीं है।
विपक्ष में महागठबंधन बनाने की तैयारी हो रही है। कैसी चुनौती देखते हैं?
भाजपा काडर वाली पार्टी है। 15 महीने पहले हमने तैयारी शुरू कर दी है। मेरे पास भी कुछ सीटों की जिम्मेदारी है। वहां पर हम केंद्र की योजनाओं, उपलब्धियों को लेकर जा रहे हैं। विपक्षी महागठबंधन के सामने भी हमने चुनाव जीते हैं। मोदी की जनता में लोकप्रियता से हमें जीत मिलती है। साठ साल में वो जनता को जो नहीं दे पाए उसे हमने आठ साल में दिया।
मैं हमेशा कहता हूं साठ से बेहतर आठ। सुधार और लोगों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने से हमें सफलता मिली है। हम हर चुनाव में आगे बढ़ रहे हैं। उत्तर से लेकर दक्षिण तक आगे बढ़े हैं। पूर्वोत्तर के कई राज्यों में पहुंचे हैं। मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत और ज्यादा मजबूत हो रहा है। उस दिशा में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। हम पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ रहे हैं।
क्या लाभार्थी योजनाएं मसलन मुफ्त अनाज योजना का लाभ वोट में मिलता है। उत्तर प्रदेश में इसका लाभ मिला?
उत्तर प्रदेश में केवल मुफ्त अनाज योजना से ही जीत नहीं मिली। वहां पर कानून-व्यवस्था, भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा था। मायावती और अखिलेश सरकार के बाद योगी सरकार में लोगों ने बदलाव देखा। योगी और मोदी ने जो किया वह वजह रही। मुफ्त अनाज योजना वोट के लिए नहीं महामारी में भुखमरी से बचाने के लिए थी।
आम आदमी पार्टी का उभार कैसे देख रहे हैं?
जो लोग कल तक यह कहते थे कि वह उत्तर प्रदेश में आने वाले हैं, लेकिन उनका खाता नहीं खुल पाया। जमानत जब्त हुई। उत्तराखंड में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने की बात कर रहे थे, वहां भी उनका खाता तक नहीं खुल पाया। दिखे भी नहीं। उसके बाद उनका जो चेहरा बेनकाब हुआ, भ्रष्टाचार को लेकर। शराब से लेकर बाकी सब तक। उसके बाद वो कहीं दिखते तक नहीं हैं। मेरे गृह राज्य में तो आम आदमी पार्टी है ही नहीं। पार्टी के अधिकांश नेता तो भाजपा में शामिल हो गए हैं। जो गुब्बारा था वो फूट चुका है।
सपा की चुनौती कैसे लेते हैं?
सपा तब भी चुनौती नहीं थी, अब भी नहीं है।
भाजपा दिल्ली में आम आदमी पार्टी के खिलाफ बड़ी मुहिम छेड़े हुए है, क्या वह आने वाले चुनाव में ज्यादा चुनौती दे सकती है?
शराब नीति उनका असली चेहरा सामने लेकर आई है। शराब घोटाला, जिसके सूत्रधार अरविंद केजरीवाल हैं और मुख्य आरोपी मनीष सिसोदिया हैं। सत्येंद्र जैन तो जेल में ही हैं। इसकी जांच पूरी होने दें, दिखेगा कौन-कौन जेल में होता है। केजरीवाल फाइल पर तो दस्तखत नहीं करते हैं। देश का कोई भी मुख्यमंत्री ऐसा नहीं है जिसके पास एक भी विभाग न हो। उनको क्या फर्क पड़ता है कोई भी जेल में जाए। वह तो घर पर बैठ कर क्लीन चिट देते हैं। जांच एजेंसियां सबूत इकठ्ठा कर रही हैं।
गुजरात में?
गुजरात के लोग बहुत समझदार हैं। दो दशकों का विश्वास और दो दशकों का विकास और जो दो कद्दावर नेता वहां से निकलकर देश को योगदान दे रहे हैं, उनका मुकाबला कोई नहीं कर पाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दशकों की जो साख है, उसका कोई सानी ही नहीं है, तुलना ही नहीं है। कोई आसपास ही खड़ा नहीं होता है। लोगों के दिलों में तो नरेंद्र मोदी का ही स्थान है। इस देश में कोई नेता ऐसा नहीं हुआ है जिसने कहा, ताली बजाओ तो ताली बजी, दिए जलाओ तो दिए जले, सब्सिडी छोड़ो तो एक करोड़ लोगों ने सब्सिडी छोड़ दी। उस साख के सामने कौन खड़ा होता है। जो यहां पर शराब घोटाला किया, गांधी की धरती पर कौन उनको मंजूर करने वाला है।
नीतीश कुमार विपक्ष को एकजुट कर रहे हैं। क्या यह भाजपा के लिए बड़ी चुनौती होगी?
उस व्यक्ति ने सारी उम्र सिर्फ कुर्सी के लिए लगा दी। अभी तो एक ही साथी के साथ म्यूजिकल चेयर खत्म नहीं हो रहा है। क्या मॉडल है नीतीश कुमार का। देश के सामने क्या मॉडल रखेंगे। समता पार्टी से लेकर जदयू तक उनकी जो भूमिका रही है, वह सबके सामने है। क्या केसीआर, ममता, नीतीश एक दूसरे के लिए सोचेंगे या खुद के लिए सोचेंगे? कांग्रेस अलग, वो अलग, तीसरा अलग। पहले तय तो कर लें कि नेता कौन है? यह केवल बिहार नहीं, पूरे भारत की बात है।
परिवारवाद को लेकर विपक्ष भाजपा पर भी आरोप लगा रहा है?
मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री परिवारवाद की परिभाषा साफ कर चुके हैं। कांग्रेस, सपा, द्रमुक आदि परिवार पार्टी पर कब्जा करके बैठे हैं। विपक्ष में क्षेत्रीय दलों में ही देख लो, अधिकांश परिवार ही कब्जा किए हैं। दूसरी तरफ भाजपा में देख लो कि जो अध्यक्ष बना, उसके परिवार से कोई दुबारा अध्यक्ष बना?
कांग्रेस तो परिवारवाद से मुक्त हो रही है? परिवार के बाहर का नेता अध्यक्ष बनने जा रहा है?
पंद्रह दिन तो रुको, पता नहीं किस दिन सारे पीछे हट जाएं। अभी कहना जल्दी है। जो नामांकन करने से पहले सोनिया गांधी से अनुमति लेते हों कि नामांकन करें या न करें, यह लोकतंत्र है। ये कितने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होंगे?
आपके गृह राज्य हिमाचल प्रदेश में चुनाव हैं। वहां हर बार सरकार बदलती है?
हिमाचल ही नहीं पूरी दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता नरेंद्र मोदी हैं। भारत में तो मोदी की तुलना में कोई नहीं। जहां तक हिमाचल का सवाल है, वहां जयराम ठाकुर बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। इस बार भी पूर्ण बहुमत से जीतेंगे।
महंगाई का मुद्दा कितना बड़ा है?
महंगाई पूरी दुनिया में रही। अमेरिका, यूरोप, जापान को देख लें, कोविड महामारी में आपूर्ति में बड़ी बाधा आई। प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान सुधार लागू किए। आपदा में अवसर का नारा दिया और उसके नतीजे भी आए। अब हम रक्षा उपकरण निर्यात करने में आगे बढ़े हैं। कितने सारे स्टार्टअप शुरू हुए। मास्क से लेकर वैक्सीन तक पर हम आगे बढ़े हैं। वह भी तब, जबकि पूरा विपक्ष भय और भ्रम फैला रहा था।