आगरा
कोरोना का संक्रमण दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में तेजी से फैल रहा है। वहां से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती बनी हुई है। अधिकांश लोग अपने निजी वाहन से आते और जाते हैं। वहीं, आगरा कैंट स्टेशन, ईदगाह बस स्टैंड पर बाहर से आने वाले लोगों की कोरोना की जांच कराई जा रही है।
रविवार को कोरोना का कोई नया केस नहीं मिला है। सीएमओ डा. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद से आने वाले लोग निजी वाहनों से आते हैं। इनकी स्क्रीनिंग करना चुनौती बना हुआ है। अभी आगरा कैंट और ईदगाह रेलवे स्टेशन पर कोरोना की जांच की जा रही है। आइएसबीटी पर भी कोरोना की जांच कराई जाएगी। कोरोना के लक्षण होने पर कंट्रोल रूम के नंबर पर सूचना दे सकते हैं। उधर, कोरोना की जांच के लिए 24 घंटे में 2373 सैंपल लिए गए। कोई नया मरीज नहीं मिला है। कोरोना संक्रमित नया मरीज ठीक भी नहीं हुआ है। अब दो सक्रिय केस हैं। कोरोना संक्रमित बच्चों को बुखार, गले में दर्द और उल्टी दस्त दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में कोरोना संक्रमित मरीजों में बच्चों की संख्या अधिक है। 12 साल से कम के बच्चों को वैक्सीन भी नहीं लग रही है। कोरोना संक्रमित बच्चों में हल्का बुखार, गले में दर्द और उल्टी दस्त की समस्या हो रही है।
कोरोना से जंग में वैक्सीन ढाल का काम कर रही है। एसएन मेडिकल कालेज में 16 जनवरी 2021 को वैक्सीन की पहली डोज लगाई गई। पहले स्वास्थ्य कर्मियों, इसके बाद फ्रंटलाइन वर्कर, 60 से अधिक उम्र के बुजुर्ग, 18 से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई गई। वैक्सीन लगने से कोरोना की दूसरी लहर में मरीजों की जान बच गई। तीन जनवरी 2022 से 15 से 17 साल के किशोरों को वैक्सीन लगाई जा रही है। अब 12 से 14 साल के बच्चों को भी वैक्सीन लग रही है। कोरोना वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज के बाद बूस्टर डोज भी लगने लगी है। सवा साल में वैक्सीन की 63 लाख से अधिक डोज लगाई जा चुकी हैं। वैक्सीन की दोनों डोज 70 प्रतिशत लोगों ने लगवाई है।