आगरा
सूबे के रण में आगरा की सभी नौ सीटों के लिए पहले चरण में ही मतदाताओं ने योद्धाओं के भाग्य का फैसला सुरक्षित कर दिया है। सभी को परिणाम का इंतजार है, लेकिन भाजपा में एमएलसी (लोकल बाडी) के दावेदार पूरी ताकत से जुटे हैं। अंतिम चरण की मतदान प्रक्रिया अभी बची है, जिस कारण नेतृत्व से भेंट में मुश्किल आ रही है। स्थानीय दिग्गज दावेदारों ने गुपचुप लामबंदी कर ली है। प्रबल दावेदार नाम के विरुद्ध कई दावेदारों ने संगठित होकर संगठन की सेवा में लंबे समय से जुटे कर्मठ कार्यकर्ता पर विश्वास जताने की बात नेतृत्व तक पहुंचाना शुरू कर दिया है। प्रदेश स्तर के कई प्रभावशाली चेहरों तक ये बात पहुंचाई भी जा चुकी है।
विधानसभा चुनाव के दौरान ही भाजपा में एमएलसी चुनाव के प्रत्याशी की मजबूत दावेदारी हो गई थी। साइकिल छोड़ कमल थामने वाले नेताजी ने स्वयं और दिल्ली से पैरवी करा नेतृत्व तक विश्वास जमा लिया था। उनका नाम फाइनल भी माना जा रहा था, लेकिन प्रक्रिया स्थिगत हो गई थी। अब 15 फरवरी की जगह 15 मार्च से एमएलसी चुनाव की प्रक्रिया होनी है। वहीं चुनाव प्रक्रिया स्थगित होने के बाद अब कई दूसरे दिग्गज मजबूत दावेदारी के साथ अपने आकाओं तक पहुंच बना रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठजन विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण तक व्यस्त है और सभी को टाल रहे हैं। 10 मार्च के बाद ही कोई ठोस बात करने को कह रहे हैं, लेकिन दावेदार लामबंदी कर रहे हैं। वहीं अभी कोई मुखर होकर सामने नहीं आ रहा है। इसमें से कुछ वे हैं, जो विधानसभा सीटों पर दावेदार थे, लेकिन उनके हाथ निराशा लगी थी। वहीं कई नए दावेदार भी मैदान में हैं।