आगरा
जगदीशपुरा इलाके की रहने वाली किशोरी की दोस्ती दो वर्ष पहले फेसबुक पर युवक से हुई। दोनों मैसेंजर पर एक दूसरे के साथ चैटिंग करने लगे। फेसबुक मित्र से किसी बात पर नाराज होकर किशोरी ने उसे ब्लाक कर दिया। जिस पर युवक ने उसे इंस्टाग्राम पर खोज निकाला। उससे अपने व्यवहार की माफी मांग कर दोबारा बातचीत करने लगा। किशोरी का विश्वास जीतने के बाद उसे घर छोड़कर अपने साथ चलने की कहा। उसके बहकावे में आकर किशोरी घर से रुपये लेकर आ गई। युवक ने उसके सारे रुपये व कुंडल घूमने के नाम पर बिकवा दिए।
केस दो: बांदा की रहने वाली किशोरी की दोस्ती इंस्टाग्राम पर मथुरा के युवक से हुई। दोनों के बीच बातचीत होने लगी। किशोरी उससे मिलने मथुरा चली आई। मगर, दोस्त बताई गई जगह पर नहीं आया। किशोरी को लावारिस घूमते देख चाइल्ड लाइन को किसी ने सूचना दी। उसने काउंसलिंग में बताया कि युवक से दोस्ती कैसे हुई थी। उसे अपनी गलती का अहसास भी हुआ कि वर्चुअल दुनिया की दोस्ती पर इस तरह भरोसा नहीं करना चाहिए। चाइल्ड लाइन ने बाल कल्याण समिति के माध्यम से किशोरी को उसके स्वजन को दिया गया।
केस तीन: किशोरी की दोस्ती फेसबुक पर युवक से हुई। दोनों के बीच बातचीत होने लगी।किशोरी उससे मिलने के लिए मथुरा चली आई। किशोरी से मिलने नहीं आया तो वह बस स्टैंड के पास लावारिस हालत में भटकती मिली। जिस पर चाइल्ड लाइन को जानकारी मिली। उसे अपने साथ लेकर आई, फेसबुक मित्र का एकाउंट चेक किया तो उसने अपनी आइडी डिलीट कर दी थी। जिस पर किशोरी के स्वजन को उसके सुपुर्द कर दिया।
इंस्टाग्राम, फेसबुक समेत इंटरनेट मीडिया के अन्य माध्यमों से दोस्ती के मामलों में धोखा भी मिल रहा है। उनसे मिलने के लिए आने पर धोखा मिल रहा है। मामले चाइल्ड लाइन और बाल कल्याण समिति के सामने पहुंच रहे हैं। बच्चों के घर छोड़ने के अन्य कारण भी सामने आ रहे हैं। सिटी और रेलवे चाइल्ड लाइन द्वारा घर छोड़ने वाले बच्चों की काउंसलिंग कर उन्हें अभिभावकों को सुपुर्द करती है। इसके साथही अभिभावकों को हिदायत भी करती है।