आगरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगरा में हवाई दर्शन के लिए जिस हेलीपोर्ट का शिलान्यास किया था, वह आज तक अधूरा है। पर्यटन विभाग ने पिछले वर्ष हेलीपोर्ट के लिए रिवाइज्ड एस्टीमेट तैयार कर भिजवाया था। अब पुन: एक बार फिर 19 लाख रुपये की मांग की गई है, जिससे कि न्यूनतम काम कर हेलीपोर्ट को संचालन लायक बनाया जा सके। हेलीपोर्ट का संचालन पीपीपी माडल पर किया जाएगा। यहां से पर्यटक हेलीकाप्टर के माध्यम से स्मारकों का हवाई दर्शन कर सकेंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौ जनवरी, 2019 को कोठी मीना बाजार मैदान में रैली की थी। उन्होंने रैली में करोड़ों रुपये की योजनाओं का शिलान्यास किया था। इनमें 4.95 करोड़ रुपये की हेलीपोर्ट योजना भी शामिल थी। इसका उद्देश्य हेलीकाप्टर के माध्यम से पर्यटकों को ताजमहल, आगरा किला, फतेहपुर सीकरी आदि स्मारकों का हवाई दर्शन कराना है, जिससे कि नया पर्यटन आकर्षण विकसित हो सके।
हेलीपोर्ट का इस्तेमाल मथुरा, प्रयागराज व अन्य पर्यटन केंद्रों तक जाने के लिए भी होगा। इनर रिंग रोड व लखनऊ एक्सप्रेसवे के बीच मदरा में हेलीपोर्ट बनाने का काम लोक निर्माण विभाग कर रहा है। हेलीपोर्ट का काम अक्टूबर, 2020 तक पूरा होना था, लेकिन यह आज तक अधूरा है। पर्यटन विभाग ने पिछले माह 19 लाख रुपये का बजट हेलीपोर्ट को संचालन लायक बनाने के लिए मांगा है।
लोक निर्माण विभाग के लखनऊ मुख्यालय में हेलीपोर्ट की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की गई थी। उसमें फायर फाइटिंग सिस्टम अप-टू-डेट नहीं थे। स्थानीय स्तर पर जरूरत पड़ने पर पिछले वर्ष रिवाइज्ड एस्टीमेट तैयार कराकर लखनऊ भेजा गया था। रिवाइज्ड एस्टीमेट से लागत बढ़कर 7.9 करोड़ रुपये तक पहुंच गई थी।