आगरा
पंजाब में प्रचंड जीत दर्ज करने वाली आम आदमी पार्टी (आप) भाजपा के बुलडोजर के सामने ढेर हो गई। आगरावालों को केजरीवाल माडल रास नहीं आया। पार्टी ने जिले की नौ में से आठ सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, इनमें से पांच को नोटा से भी कम वोट मिले। एक प्रत्याशी को नोटा के बराबर वोट मिले। आप मुखिया अरविंद केजरीवाल के लड़ाके जिले में 14 वें और दसवें स्थान पर भी रहे।
दिल्ली के बाद पंजाब में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने वाली आप ने पहली बार यूपी के चुनाव में अपने प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारे। फतेहपुर सीकरी सीट को छोड़ जिले की नौ में से आठ सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। मगर, दिल्ली के करीब होने के बावजूद आगरा के लोगों पर केजरीवाल माडल की बयार में नहीं बहे।
यूपी में जगह बनाने के लिए आप लंबे समय से सक्रिय है। पार्टी नेताओं का आगरा पर भी काफी फोकस रहा है। चुनाव से पहले ही जीआईसी मैदान से शहीद स्मारक तक तिरंगा यात्रा निकालकर माहौल बनाने की कोशिश की। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने खुद इस तिरंगा यात्रा की कमान संभाली थी। इसके बाद यूपी प्रभारी व राज्यसभा सदस्य संजय सिंह लगातार आगरा आते-जाते रहे। केजरीवाल माडल के तहत दिल्ली में शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में किए गए बेहतर कार्यों को जन-जन पहुंचाने के लिए कई कार्यक्रम भी किए।