आगरा
चैत्र नवरात्रि की शुुरूआत शनिवार से हो गई है। श्रद्धालु नौ दिन तक मां दुर्गा के शक्ति अवतार की आराधना करेंगे। पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जा रही है। शनिवार को माता नवदुर्गा के लिए घटस्थापना सुबह 06:22 बजे से दो घंटे नौ मिनट तक शुभ रहेगी। मां का आगमन अश्व यानी घोड़े पर होगा।
ज्योतिषाचार्य पं. चंद्रेश कौशिक ने बताया कि चैत्र माह की शुरूआत वैसे तो एक अप्रैल सुबह 11:54 बजे से हो गई है, जो दो अप्रैल सुबह 11:57 तक रहेगी। इस दौरान घट स्थापना की जा सकती है। लेकिन मान्यता के अनुसार नवरात्रि में घट स्थापना उदया तिथि पर शुभ मानी जाती है। इसलिए चैत्र घटस्थापना के लिए दो अप्रैल को शुभ मुहूर्त सुबह 06:22 से 08:31 बजे तक, दो घंटे नौ मिनट तक शुभ होगी। वहीं जो श्रद्धालु घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त में करना चाहते हैं वह दोपहर 12:08 से 12:57 बजे के बीच कर सकते हैं
देव मंदिर या घर में जिस स्थान पर मां भगवती दुर्गा की पूजा करनी हो, वहां की मिट्टी अच्छी तरह से धोकर पवित्र कर लें। स्नानादि के बाद मां दुर्गा का चित्र सामने, पूर्व या उत्तर मुख होकर कर आसन पर विराजमान हो जाएं। पूजा की सभी सामग्री तैयार रखें। दाहिने हाथ में पवित्री धारण कर जल, अक्षत, चंदन, सुपारी और पैसा लेकर संकल्प करें। संकल्प करके कलश स्थापना कर षोडशोपचार विधि से पूजन करें।
मान्यता है कि मां का क्षेत्र दक्षिण और दक्षिण पूर्व दिशा है इसलिए ध्यान रहे कि पूजा करते वक्त आराधक का मुख दक्षिण या पूर्व में ही रहे। पूर्व दिशा की ओर मुख करने से शक्ति और समृद्धि, जबकि दक्षिण दिशा में मुख करके पूजा करने से मानसिक शांति मिलती है। ईशान कोण यानि उत्तर-पूर्व दिशा पूजा-पाठ के लिए श्रेष्ठ मानी जाती है। नवरात्रि पर माता की प्रतिमा या कलश स्थापना इसी दिशा में करनी चाहिए। नवरात्रि प्रतिपदा पर अखंड ज्योति जलाएं। मां दुर्गा को लाल रंग प्रिय है। उन्हें इस रंग के वस्त्र, श्रृंगार की वस्तुएं, पुष्प आदि अर्पित करें। पूजन कक्ष के दरवाजे पर हल्दी, सिंदूर या रोली से दोनों ओर स्वास्तिक बनाएं, इससे नकारात्मक शक्तियां घर में प्रवेश नहीं करेंगी।
नवरात्रि का समापन 11 अप्रैल को होने जा रहा है। मां अपनी वापसी भैंसे पर करेंगी। यह भी संयोग है कि शारदीय नवरात्र 2020 और चैत्र नवरात्र 2021 में माता का आगमन घोड़े पर ही हुआ था। इस लिहाज से माता का आगमन अति शुभ और गमन अशुभ हो सकता है।
ब्रज मंडल में आगरा के अलावा आसपास के शहरों में मंदिरों में सुबह से ही जबरदस्त भीड़ है। फिरोजाबाद के प्रसिद्ध राजराजेश्वरी कैला देवी मंदिर में तो सुबह चार बजे से ही पहले श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा था। भीड़ इतनी जबरदस्त है कि मंदिर प्रबंध समिति के लिए भी कंट्रोल कर पाना मुश्किल हो रहा है। दरअसल दो साल तक कोरोना वायरस संक्रमण का खौफ और पाबंदियां लगी रहने से लोग घर में रहकर ही पूजा कर रहे थे। इस बार पाबंदियां खत्म हो चुकी हैं तो मंदिरों में हजारों की संख्या में लोग नजर आ रहे हैं।