आगरा
सरसों भी सोयाबीन की राह पर चल रही है। दोनों के भाव में तेजी आने से रसोई का तो मानो तेल निकल रहा है। सरसों व सोयाबीन एक सप्ताह पहले 6800 रुपये व 5500 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही थी पर शनिवार को यह भाव बढ़कर क्रमश: 7200 रुपये व 6300 रुपये प्रति क्विंटल हो गई। इसका असर तेल पर भी पड़ा है। विगत एक सप्ताह में सरसों व साेयाबीन का तेल प्रति लीटर 180 रुपये व 145 रुपये से बढ़कर 188 रुपये व 155 रुपये हो गया है। यह हालात तब है जब रोजाना 600 टन सरसों का तेल उत्पादन करने वाली आगरा की इकाईयों में पेराई शुरू हो गई हैं। भाव बढ़ने के पीछे माना जा रहा है कि सरसों की उपलब्धता घटने, जाडे मेें मांग बढ़ने, नेपाल व बंगला देश के रास्ते हो रहे तेल का आयात कम होने से यह भाव बढ़े हैं।
आगरा आयल मिल के प्रबंध निदेशक कुमार कष्ण गोपाल, कारोबारी ब्रजमोहन अग्रवाल व दिनेश गोयल की माने तो उद्योग निकाय साल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) के आह़वान पर आगरा की प्रमुख खाद्य तेल कंपनियों ने सरसों के तेल की कीमतों में सात रुपये प्रति लीटर तक की कटौती की सरसों के भाव मेें कोई कमी नही आई। पिछले एक सप्ताह में सरसों के 600 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई है।
मंडी में आवक भी बेहद कम है। जाड़े मेें सरसों के तेल की मांग भी बढ जाती है। नेपाल व बंगलादेश के रास्ते देश में हो रहा तेल का आयात भी कम हूआ है, इसका असर सरसों तेल के भाव पर पड़ा है। उन्होेंने बताया कि आगरा में रोज यहा 600 टन सरसों के तेल का उत्पादन होता है। जिला में 66 हजार हेक्टेयर में सरसों का उत्पादन होता है पर मांग अधिक होने के कारण यहां की प्रमुख खेरागढ़ में कागारौल रोड स्थित मंडी व किरावली मंडी में हरियाणा व राजस्थान से बड़ी मात्रा में सरसों की आवक होती है। रोज करीब 500 टन सरसों का तेल उत्पादन करने वाली आगरा आयल मिल, बीपी आयल मिल, शारदा आयल मिल व महेश आयल मिल सीधे हरियाणा व राजस्थान मंडी से सरसों क्रय करते हैं।
जनपद में छह ओर आयल मिल के अलावा 200 से अधिक स्प्रेलर है, जिनके द्वारा रोज करीब 100 टन तेल का उत्पादन किया जाता है खेरागढ़ मे कागारौल स्थित मंडी व किरावली मंडी में रोज करीब दो हजार क्विंटल सरसों की आवक होती है लेकिन अब आवक कम हो रही है। शनिवार को मंडी बंद रही पर शुक्रवार को मात्र 20 क्विंटल सरसों की आवक हुई, जबकि भाव 7820 रुपये प्रति क्विंटल रहा। कमोवेश यही हालत किरावली मंडी की है।