आगरा
वेटलैंड पृथ्वी की किडनियां हैं। पृथ्वी का जीवन बचाने के लिए इनका संरक्षण बहुत जरूरी है। यह विचार सेंट जोंस कालेज में वनस्पति विभाग द्वारा बाटनीकल सोसाइटी के 22वें समारोह पर बतौर मुख्य वक्ता डा. केपी सिंह ने रखे।कार्यक्रम में आगरा के विभिन्न संस्थानों के प्रवक्ताओं ने भाग लिया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप मे वनस्पति वैज्ञानिक डा.ओएके दास थे। उन्होंने अनियंत्रित विकास से उत्पन्न पर्यावरण की चुनौतियों का सामना करने के समाज के प्रत्येक व्यक्ति के योगदान की आवश्यकता पर जोर दिया।कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य प्रो. एसपी सिंह ने की। डा. केपी सिंह ने कहा कि वेटलैंड्स पर वन्यजीवों के साथ मानव सभ्यता का भी अस्तित्व टिका है। उन्होंने आगरा में आने वाले प्रवासी पक्षियों के माइग्रेशन व फ्लाईवे की जानकारी को विस्तार से समझाया।विभागाध्यक्ष डा. सैमुअल सिंह ने छात्रों को पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई एवं अतिथियों ने गमलों में बीज भी बोए। संयोजक डा. मंजुला थामस थी। प्रो. मनोज एस. पाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।चालन डा. साक्षी वाकर व डा. रोहन द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
वेटलैंड, माइग्रेशन एवं फ्लाईवे को विस्तारपूर्वक समझाया
शैक्षिक सत्र कार्यक्रम के मुख्य वक्ता पक्षी विशेषज्ञ डॉ केपी सिंह ने वेटलैंड, माइग्रेशन एवं फ्लाईवे विषय पर व्याख्यान दिया। डाॅ सिंह ने बताया कि वेटलैंड्स पर वन्यजीवों के साथ साथ मानव सभ्यता का भी अस्तित्व टिका है। जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए वरिष्ठ प्रोफेसर व विद्यार्थीयों को शोधकार्य मे भाग लेना होगा। उन्होंने आगरा में आने वाले प्रवासी पक्षियों के माइग्रेशन व फ्लाईवे की जानकारी को विस्तार से समझाया।
अनियंत्रित विकास से पर्यावरण को गंभीर चुनौती
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डाॅ ओएस के दास ने अनियंत्रित विकास से उत्पन्न पर्यावरण की चुनौतियों का सामना करने के समाज के प्रत्येक व्यक्ति के योगदान की आवश्यकता पर जोर दिया। सेन्ट जोन्स कॉलेज के प्राचार्य डॉ एसपी सिंह ने विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण हेतु आगे आने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम में में बाॅटनी के विभाग अध्यक्ष डाॅ सैमुअल जी सिंह ने विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई एवं अतिथियों ने गमलों में बीज भी बोए।