आगरा
शाहगंज में हुए बवाल में भारतीय जनता युवा मोर्चा के महानगर अध्यक्ष शैलू पंडित और क्षेत्रीय मंत्री गौरव राजावत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। पुलिस द्वारा अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमे की विवेचना में उनके नाम खोले जा सकते हैं। वहीं, ऊपर तक गई रिपोर्ट में भी इन दोनों को ही बवाल का जिम्मेदार ठहराया गया है।
शाहगंज के चिल्लीपाड़ा में 12 नवंबर को वर्षा की संदिग्ध परिस्थितियों में अपनी ससुराल में मौत हो गई थी। जिसके बाद गली में पथराव और फायरिंग के आरोप लगे थे।बाजार में दो दुकानों में तोड़फोड़ की गई, लूटपाट का आरोप भी लगा। बवाल में कुल चार मुकदमे दर्ज हुए हैं। एक मुकदमा दहेज के लिए वर्षा की जान लेने का है। जिसमें पति फईम समेत अन्य ससुराल वाले नामजद हैं।
मामले में पुलिस तीन आरोपितों को जेल भेज चुकी है। दूसरा मुकदमा गौरव राजावत ने अज्ञात लोगों द्वारा अपने ऊपर जानलेवा हमले का दर्ज कराया है। तीसरा मुकदमा व्यापारी अमान बेग ने दुकान में घुसकर डकैती व मारपीट समेत अन्य धाराओं में दर्ज कराया है। जिसमें शैलू पंडित और गाैरव राजावत नामजद हैं।
बवाल की शुरूआत क्यों और कैसे हुई, आला अधिकारियों ने थाना पुलिस से इसे बारे में विस्तृत जानकारी की थी। अधिकारियों को बताया कि वर्षा की मौत की सूचना पर सीओ लोहामंडी और थाने का फोर्स पहुंच गया था। वर्षा के शव को एंबुलेंस में रख दिया गया था। इसी दौरान भाजयुमाे पदाधिकारी अपने समर्थकों के साथ वहां पहुंच गए। पुलिस उलझ गए, हंगामा और नारेबाजी करने लगे।इस दौरान गली से गुजरते कुछ लोगों से मारपीट कर दी। विरोध में दूसरे पक्ष के लोग भी जुट गए।